13 माह के वेतन को 3500 पुलिसकर्मियों ने भूखे पेट की ड्यूटी
एक दिन के उपवास आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों ने जहां भूखे रहकर ड्यूटी की तो वहीं पुलिस एसो. के पदाधिकारियों ने एसएसपी, रेल एसपी व जैप-6 कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक उपवास रख धरना दिया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के 3500 पुलिसकर्मी बुधवार को दिन भर भूखे पेट रहे। भूखे रहकर ही इन्होंने पूरे दिन ड्यूटी भी की। ऐसा उन्होंने राज्य के पुलिसकर्मियों को 13 माह का वेतन दिए जाने समेत सात अन्य मांगों के समर्थन में किया। इन मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से पुलिसकर्मी झारखंड पुलिस एसोसिएशन, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के बैनर तले आंदोलनरत हैं। बुधवार को आंदोलन का दूसरा चरण था।
एक दिन के उपवास आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों ने जहां भूखे रहकर ड्यूटी की तो वहीं पुलिस एसो. के पदाधिकारियों ने एसएसपी, रेल एसपी व जैप-6 कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक उपवास रख धरना दिया। इसमें झारखंड पुलिस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन की जमशेदपुर शाखा के पदाधिकारी संतोष महतो, बुधराम उरांव, अजय सिंह, अमरेश सिंह, विजय समेत कई शामिल हुए।
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12 से 14 तक काला बिल्ला लगा किया काम
बताते चलें कि इससे पूर्व पुलिसकर्मियों ने 12 से 14 फरवरी तक काला बिल्ला लगाकर काम किया। अब जमशेदपुर पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष बुधराम उरांव ने कहा है कि आंदोलन तीसरे चरण में 27 फरवरी की आधी रात से चार मार्च तक यानी पांच दिनों तक पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। राज्य में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के सभी पदाधिकारी अवकाश पर चले जाएंगे। इसके लिए सभी थानों में अवकाश पर जाने के लिए आवेदन भेजा जाएगा।
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ये है पुलिसकर्मियों की मांगें
- 13 माह का वेतन देने के आश्वासन को पूरा किया जाए।
- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिसकर्मियों के भत्तों को पुनरीक्षित दर से दिया जाए।
- नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
- वरीय पुलिस पदाधिकारी की तरह ही कनीय पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
- सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली को बिना कोई परीक्षा लिए समाप्त किया जाए।
- एसीपी-एमएसीपी मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए एवं इसकी गणना नियुक्ति की तिथि से की जाए।
- शहीद-मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को नौकरी के लिए अधिकतम उम्र सीमा की छूट व आश्रित परिजन को मिलने वाली राशि में से 25 फीसद उनके माता-पिता को दिया जाएग।