बकरीद को लेकर असमंजस में मुस्लिम, अबतक नहीं सजा बकरा बाजार
मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों में एक बकरीद भी ईद की तरह कोरोना की भेंट चढ़ जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष मुसलमानों ने ईद का त्योहार अपने-अपने घर पर ही मनाया।
जमशेदपुर (जासं) । मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों में एक बकरीद भी ईद की तरह कोरोना की भेंट चढ़ जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष मुसलमानों ने ईद का त्योहार अपने-अपने घर पर ही मनाया। ना मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई ना एक-दूसरे सो गले मिलकर बधाई दी गई। अब काेरोना का कहर बकरीद पर भी पड़ेगा। इस साल ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार 31 जुलाई या एक अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन इसको लेकर अबतक ना कहीं बकरा बाजार सजा है और ना किसी ने खरीदारी शुरू की है। कोरोना के कारण बकरीद मनेगा या नहीं इसको लेकर मुसलमानों के साथ बकरा कारोबारी भी असमंजस में है। उन्हें डर है कि कहीं ईद-उल-जुल्हा यानी ईद की तरह ही ईद-उल-अजहा यानी बकरीद भी ना निकल जाए।
नहीं लग पाया बकरा बाजार
बकरीद को लेकर शहर में अबतक बकरा बाजार नहीं सजा है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ंसरकार व प्रशासन ने कई पाबंदी लगाई है। ऐसे में बकरा बाजार लगाने की अनुमति नहीं दी गई हैं। बकरा कारोबारी कुर्बानी के बकरों की खरीद-फरोख्त को लेकर बैचेन हैं। शहर में लगभग सात जगह बकरों की बाजार लगता है, जहां करोड़ों का कारोबार होता है। विशेष बकरों की कीमत एक से डेढ़ लाख तक की होती है। इनमें मुख्य रूप से एमजीएम के पास पलंग मार्केट, धतकीडीह बाजार, साकची आम बागान, जुगसलाई, मानगो आदि जगहों पर बाजार लगता हैं। बकरीद से 15-20 दिन पहले से लगने वाले बाजार के लिए इस वर्ष अबतक किसी प्रकार की सुगबुगाहट नहीं देखा जा रहा है।