कोलमाटो गांव में हत्या के छह दिन बाद पहुंची पुलिस
थाना की दस किलोमीटर दूर एक अधेड़ की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई, लेकिन पुलिस को पहुंचने में छह दिन लग गए। ऐसा क्यों?
जेएनएन, जमशेदपुर : थाना की दस किलोमीटर दूर एक अधेड़ की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई और इसकी जानकारी पुलिस को पांच दिन बाद हुई। यह कहानी है पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना की। दरअसल थाना क्षेत्र के काटाबांदू गांव के निकट छोटा-सा गांव है- कोलमोटो। इस गांव के 54 वर्षीय जिरगा लुगुन की मंगलवार को घर से एक किलोमीटर दूर जोलाईकोचा में धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी। आपसी विवाद में पड़ोसियों ने हत्या की। पुलिस को पांच दिन बाद यानी शनिवार को इस हत्याकांड की जानकारी हुई। पर कारो नदी में पानी अधिक होने के कारण पुलिस शनिवार को भी गांव में नहीं पहुंच पाई। छठे दिन यानी रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर अधेड़ का शव बरामद किया। घटनास्थल की थाना से दूरी करीब दस किलोमीटर है।
गुदड़ी थाना प्रभारी मनोज गुप्ता के नेतृत्व में रविवार को पुलिस खूंटी जिला के रनिया थाना की ओर से घटनास्थल पहुंची। रविवार शाम तक पुलिस शव लेकर रनिया थाना पहुंची। नक्सली घटना होने से पुलिस ने इन्कार किया है। जिरगा लुगुन की हत्या पड़ोसी जयपाल लुगुन और बासु मड़की ने की है। प्रथमदृष्टया आपस में विवाद की बात सामने आई है। ग्रामीणों ने आरोपितों को शनिवार तक पकड़कर रखा था। पुलिस चूंकि रविवार को पहुंची। इस बीच चकमा देकर दोनों फरार हो गए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
दरअसल, गुदड़ी अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है। एक जमाने में यहां पुलिस व अधिकारी डर के मारे जाना पसंद नहीं करते थे। एक साल पहले ही इस क्षेत्र में प्रखंड मुख्यालय की स्थापना हुई है। गांव वालों ने खुद जमीन दी थी। पहली बार यहां कोई मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर से गया था। इलाका इतना दुरूह है कि कई नदियों को लाघंकर यहां जाना होता है। आए दिन ऐसी सूचना मिलती हैं कि घटना के कई दिन बाद पुलिस मौके पर पहुंची। अक्सर पुलिस यहां इसलिए भी जाने से कतराती है कि इलाका नक्सल प्रभावित है। उन्हें लगता है कि नक्सली साजिश रचकर उन्हें गांव में बुला रहे हैं। जाते ही बम विस्फोट से उड़ा देंगे या हमला बोल देंगे।