जमशेदपुर, जासं। हलाल शब्द केवल मांस तक सीमित नहीं रह गया है, शरीयत कानून के अनुसार कोई मुसलमान जो कुछ स्वीकार सकता है, वह सब हलाल है। गैर मुसलमानों को इस्लामी जीवनशैली में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ‘हलाल’ है, यह ध्यान रखना चाहिए।
हिंदू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाद में ‘अपवर्ड’ और ‘प्रज्ञता’ के सहसंस्थापक आशीष धर ने बताया कि केरल में हलाल मुक्त उपहारगृह खोलनेवाली एक हिंदू महिला पर धर्मांधों ने आक्रमण कर उसे घायल करने की घटना कुछ समय पूर्व ही घटी है। हिंदू समाज की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि भारत का हिंदू समाज अपने अधिकार की भी मांग नहीं कर सकता। निस्संदेह कट्टरतावादी मुसलमान समाज हलाल के माध्यम से भारत में स्वयं का आर्थिक एकाधिकार निर्माण कर रहा है। हलाल के विरोध में अभियान क्रियान्वित करने के लिए हिंदुआें के धर्मगुरु, संपद्राय, संगठन आदि सभी को योगदान देना चाहिए।
हलाल अनिवार्य करने पर कर सकते शिकायत
इस संवाद में उद्योगपति व फिल्म निर्माता-वितरक प्रशांत सबरंगी ने कहा कि भारत में खाद्य पदार्थो को प्रमाणपत्र देनेवाली दो शासकीय संस्थाएं होते हुए यह हलाल शब्द कहां से आ गया। किसी भी व्यापारी पर हलाल अनिवार्य करने पर वह पुलिस में शिकायत कर सकता है। याचिका प्रविष्ट कर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भारतीय बाजार से हलाल को निष्कासित करना चाहिए। निजी क्षेत्र सहित सेना, रेलवे आदि सरकारी क्षेत्रों में भी हलाल ने प्रवेश किया है। इसके विरोध में सामूहिक संघर्ष करने से निश्चित सफलता मिलेगी।
हलाल भारत के संविधान का उल्लंघन
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार वक्फ बोर्ड ने देशभर में भूमि हडप ली है, उसी प्रकार हलाल का उपयोग देश में किया जा रहा है। एक ओर देश को हम धर्मनिरपेक्ष या सेक्युलर कहते हैं, परंतु विशिष्ट समाज के लिए यह हलाल सरकारी क्षेत्रों में भी लागू किया गया है। हलाल एक प्रकार से संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का पूर्णतः उल्लंघन करता है। इसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। हिंदू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश व राजस्थान समन्वयक आनंद जाखोटिया ने कहा कि भारत में इस्लामिक बैंक लाने का प्रयत्न सफल नहीं हुआ, इसलिए हलाल के माध्यम से भारत में समांतर अर्थव्यवस्था निर्माण की गई है। हलाल के कारण हिंदू व्यापारियों को बहुत हानि हो रही है। क्या हिंदू समाज को इस देश में हलाल के समान प्रमाणपत्र लागू करने दिया जाता। ऐसा प्रश्न करते हुए ‘हलाल मुक्त दीवाली’ अभियान में हिंदू समाज को काफी संख्या में सम्मिलित होना चाहिए, ऐसा आवाहन भी किया गया।
‘हलाल मुक्त दीवाली’ अभियान को स्वयंस्फूर्त समर्थन
महाराष्ट्र, गोवा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, असम, त्रिपुरा और मेघालय के हिंदुआें ने ‘हलाल मुक्त दीवाली’ इस अभियान में सम्मिलित होते हुए ‘ऑनलाइन’ आंदोलन किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 83 स्थानों से निवेदन भेजे गए। इस आंदोलन के एक भाग स्वरूप #Halal_Free_Diwali इस हैशटैग का उपयोग करने का आवाहन किया गया था। इसे स्वयंस्फूर्त प्रतिसाद या स्वीकार किया गया। यह हैशटैग ट्विटर के राष्ट्रीय स्तर पर चौथे क्रमांक पर ट्रेंडिंग में था। धनतेरस से शुरू होगा दीपावली का श्रीगणेश, सनातन संस्था बता रही इन पर्वों-त्योहारों का अध्यात्मशास्त्र व उसका महत्व
a