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मां की ममता नक्सली बेटे को कराएगी सरेंडर

10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली महाराजा प्रमाणिक को समाज की मुख्यधारा में लौटाने को लेकर सरायकेला खरसावां के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने पहल की है।

By Edited By: Published: Thu, 31 May 2018 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 01:55 PM (IST)
मां की ममता नक्सली बेटे को कराएगी सरेंडर
मां की ममता नक्सली बेटे को कराएगी सरेंडर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सरायकेला-खरसावां के 10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली महाराजा प्रमाणिक को समाज की मुख्यधारा में लौटाने को लेकर सरायकेला खरसावां के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने पहल की है। पुलिस अधीक्षक ने लगाई चौपाल अक्षीक्षक हार्डकोर नक्सली के पैतृक गांव ईचागढ़ के दारूदा गांव बुधवार को गए। वहां चौपाल लगाई। नक्सली के घर गए। वहां उसकी मां से एक घंटे तक अकेले में बातचीत की। महाराजा प्रमाणिक को मुख्यधारा में लौटाने में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुख्यधारा में बेटे की वापसी के लिए वे बातचीत करती हैं तो पुलिस भी हर संभव सहयोग करेगी।

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सरेंडर योजना का लाभ देने का आश्वासन प्रदेश के नक्सली सरेंडर योजना का लाभ दिलाने का प्रयास होगा। मां ने आश्वासन दिया कि वह बेटे को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए वापसी को मध्यस्थता करेंगी। बताया कि वह मधुमेह से ग्रसित हैं। दवा भी उसे समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता है। गांव में वह भतीजे के साथ रहती हैं। एसपी ने दवा भी नक्सली की मां को उपलब्ध कराया। इन इलाकों में है सक्रिय मालूम हो कि महाराजा प्रमाणिक की सक्रियता चक्रधरपुर, चौका, चांडिल, कुचाई, ईचागढ़, तिरिलडीह समेत कई इलाके में है। महाराजा प्रमाणिक दस्ता के एक दर्जन से अधिक सदस्य पकड़े जा चुके हैं। अचानक पुलिस को देख हैरान हो गए ग्रामीण गांव में जब पुलिस अधीक्षक पहुंचे तो ग्रामीण हैरान हो गए कि आखिर गांव में पुलिस क्यों आई है? अधीक्षक कैसे आ गए? जब वे बच्चों के बीच गए तब ग्रामीणों को समझ में आया कि पुलिस उनका दुख-दर्द बांटने आई है।

उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की अपील की। कहा कि कम पढ़े-लिखे होने के कारण यदि नौकरी नहीं मिल रही है तो कौशल विकास की ट्रेनिंग लें। ट्रेनिंग के बाद प्लेसमेंट भी किया जाता है। गांव में शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीणों की समस्या की समस्याओं की जानकारी भी एसपी ने ली। उन्होंने बच्चों को बैठाकर पढ़ाया। हंसी-ठिठोली भी की। पढ़ाने के दरम्यान सवाल-जवाब भी किए। शिक्षा सामग्री का वितरण भी किया।

नक्सली के आत्मसमर्पण कराने को पुलिस ने उसकी मां से पहल की है। मां ने इसके लिए मध्यस्थता किए जाने का आश्वासन दिया है।
-चंदन कुमार सिन्हा, एसपी, सरायकेला-खरसावां


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