सरायकेला जिले में पांच बच्चों की मां ने आग लगाकर की आत्महत्या Jamshedpur News
देर रात विमला तातीं ने फोन पर अपने पति के साथ झगड़ा करते-करते चार बच्चों को घर के दूसरे कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद शरीर पर किरासन तेल डालकर आग लगा ली।
सरायकेला/जमशेदपुर (जेएनएन)। कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला जिला अंतर्गत सरायकेला थाना क्षेत्र के हुड़दंगा गांव में 5 बच्चों की मां ने सोमवार की देर रात आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
गांव की ही 38 वर्षीया विमला तांती ने अपने घर के बाहर अपने शरीर पर किरासन तेल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। घटना की जानकारी और शोर सुनकर गांव वालों के पहुंचने तक में विमला बुरी तरह से जल गई। जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना ग्रामीणों को तत्काल सरायकेला थाना को दी गई। मौके पर पहुंचे सरायकेला पुलिस ने विमला की बुरी तरह से जली हुई लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला भेज दिया। इस संबंध में सरायकेला पुलिस मामला दर्ज कर आत्महत्या के विभिन्न बिंदुओं पर खोजबीन कर रही है।
ऐसे हुई घटना
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मृतका विमला का पति दुर्गा चरण तांती विशाखापट्टनम में एक निजी मोबाइल टावर लगाने वाले कंपनी में काम करता है। और बीते करीब 1 वर्ष से घर वापस नहीं लौटा है। इस दौरान कोविड-19 संकट के कारण भी दुर्गा चरण घर वापस नहीं आ पाया है। जबकि उनका बड़ा बेटा रंजीत तांती भी उसी मोबाइल टावर लगाने वाले कंपनी में हैदराबाद में काम करता है। और इस दौरान वह अपने घर हुड़ांगदा आकर 1 सप्ताह पहले ही वापस काम पर लौटा है। ग्रामीणों के अनुसार बीते तीन-चार दिनों से प्रति रात को दोनों ही पति पत्नी मोबाइल पर लंबी बात करते हुए झगड़ते थे।
इसी क्रम में सोमवार की रात्रि भी मोबाइल पर झगड़ने के बाद विमला ने अपनी तीन बेटियों 5 वर्षीया सुकुरमनी तांती, 8 वर्षीया सोनाली तांती और 12 वर्षीया संगीता तांती को घर के एकमात्र कमरे में बंद कर दी। और बाहर आकर अपने ऊपर किरासन तेल डालते हुए माचिस जलाकर आग लगा ली। जिसके बाद कमरे में बंद तीनों बच्चियों ने भी काफी शोर मचाया। जिसे सुनकर गांव वालों के पहुंचने तक विमला काफी जल चुकी थी। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। बताते चलें कि विमला और दुर्गा चरण के पांच संतानों में एक विवाहित पुत्री मीना तांती घटना की जानकारी मिलने के बाद अपने ससुराल चाईबासा से गांव आई।
पति से नाराजगी या फिर कुछ और
ग्रामीण बताते हैं कि पहले से ही पति के वापस नहीं लौटने पर विमला मानसिक तौर पर परेशान चल रही थी। इसी दौरान कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के बीच भी दुर्गा चरण घर वापस नहीं लौटा। जिसे लेकर बीते तीन-चार दिनों से प्रत्येक रात्रि दोनों पति-पत्नी में फोन पर ही विवाद और झगड़े हो रहे थे। इसी क्रम में सोमवार की रात्रि विमला अपने पति दुर्गा चरण से बातचीत करते करते काफी आक्रोशित हुई। और आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम दे दिया।
मानसिक विषाद बन रहे हैं आत्महत्या के कारण
बताया जा रहा है कि कोविड-19 संकटकाल और लॉकडाउन के दौरान जीवन जीने की सभी पहलुओं में परिवर्तन आया है। कहीं साथ रहते हुए पारिवारिक प्रेम बढ़ा है। तो कहीं पारिवारिक प्रेम की तलाश में परिवार में विषाद भी बढ़े हैं। इसके अलावा रोजगार की स्थिति और प्रवास के हालात में भी काफी परिवर्तन आया है। जो जीवन के नियमित कार्यशैली में एडजस्ट नहीं हो पाने के कारण निराश लोगों को आत्महत्या जैसे कृत्य की ओर धकेल रहा है। हुड़ांगदा गांव की घटना क्षेत्र को ऐसे ही हालातों से जोड़कर देखा जा रहा है। परंतु सीधे-साधे ग्रामीण इलाके में आत्महत्या जैसी घटना घटने पर मनोविज्ञान के जानकारों द्वारा कुछ हद तक आश्चर्य भी प्रकट किया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही गांव पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया गया। प्रथम दृष्टया में मामला आत्महत्या का लग रहा है। मामला दर्ज कर सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। - नवीन प्रकाश पांडेय थाना प्रभारी, सरायकेला थाना।