15 दिन की मासूम को छोड़ गई मां, खून की कमी से हो गई मौत Jamshedpur News
खून की कमी से जच्चा की मौत के बाद एमजीएम अस्पताल में रोती रही नवजात बच्ची बाहर से लाकर पिलाया गया दूध।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार की सुबह करीब दस बजे एक जच्चा की मौत होने के बाद फिर से सिस्टम पर सवाल खड़ा हो गया है।
पटमदा स्थित लाकड़ा कोचा निवासी भारती मोदी के शरीर में खून की भारी कमी थी। उसका हीमोग्लोबिन 5 ग्राम था। जबकि कम से कम करीब 11 ग्राम होना चाहिए था। भारती का प्रसव 15 दिन पूर्व हुआ था। इसके बाद वह स्वस्थ थी लेकिन बीते शुक्रवार को अचानक से बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके बाद उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया। यहां पर दो यूनिट खून चढ़ाया गया लेकिन मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
इसके बाद उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया गया था। उसके परिजनों के पास पैसा नहीं होने की वजह से वे उसे नहीं ले जा सके। इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। मां की तबीयत खराब होने की वजह से नवजात को दूध भी नसीब नहीं हो रहा था। गुरुवार को इमरजेंसी विभाग के बाहर नवजात अपने दादी की गोद में जोर-जोर से रो रही थी। इसके बाद दादी पुष्पलता मोदी ने बाहर से दूध मंंगवाया और निप्पल वाली बोतल के सहारे उसे दूध पिलाया।
सरकारी योजनाओं पर उठे सवाल
नवजात व उसकी दादी की रोना देख इमरजेंसी विभाग के समीप भीड़ उमड़ पड़ी। पटमदा के लिलकू ने सरकारी योजनाओं पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि गर्भवती को विशेष पोषण देकर उसे स्वस्थ करने की दावा किया जाता है लेकिन भारती मोदी के शरीर में खून की भारी कमी थी।
इससे साबित होता है कि सरकारी योजनाओं का समूचा लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि जन्म के अगले छह माह तक जच्चा-बच्चा को देखने की जिम्मेवारी गांव की सहिया की होती है लेकिन भारती के साथ कोई खड़ा नहीं हुआ। सुविधाओं के अभाव में भारती की मौत हो गई।