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Jharkhand Politics : रांची में फंसे विधायक सरयू राय ने कही अदालत की शरण में जाने की बात, बताई ये खास वजह

Jharkhand Politics.अपने चुनाव क्षेत्र क्षेत्र जमशेदपुर आने के लिए राज्‍य से लेकर केंद्र सरकार तक गुहार लगा चुके सरयू ने अब अदालत की शरण में जाने की बात कही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 08:59 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 08:59 PM (IST)
Jharkhand Politics : रांची में फंसे विधायक सरयू राय ने कही अदालत की शरण में जाने की बात, बताई ये खास वजह
Jharkhand Politics : रांची में फंसे विधायक सरयू राय ने कही अदालत की शरण में जाने की बात, बताई ये खास वजह

जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Politics पिछले विधानसभा चुनाव में बगावत की राह पकड़ तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री रघुवर दास को पटखनी देकर सुर्खियां बने जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से रांची में फंसे हैं। अपने चुनाव क्षेत्र क्षेत्र जमशेदपुर आने के लिए राज्‍य से लेकर केंद्र सरकार तक गुहार लगा चुके सरयू ने अब अदालत की शरण में जाने की बात कही है। हालांकि, इसके पीछे उन्‍होंने ये खास वजह बताई है। 

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सरयू ने कहा है कि झारखंड से राजस्‍थान के कोटा कोटा पढ़ने गए बच्‍चे-बच्चियों को लाने के लिए बसें भेजने पर झारखंड सरकार सहमत नहीं हो रही है। उन्‍होंने जमशेदपुर के बच्‍चे-बच्चियों को लाने के लिए बसों की व्‍यवस्‍था कर ली है पर राज्‍य सरकार अनुमति देने के लिए राजी नहीं हो रही है। सरयू का कहना है कि इसके उलट कोटा से भाड़े की गाड़ी कर जो बच्‍चे झारखंड आना चाह रहे हैं, उन्‍हें वहां का प्रशासन पास जारी कर दे रहा है। जमशेदपुर के तीन विद्यार्थी कोटा से आए भी हैं। विधायक कहा कि यह समझना कठिन हो रहा है कि एक देश में दो विधान कैसे चल रहा है। एक सरकार एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में आने-जाने का पास जारी कर दे रही है और दूसरी सरकार केंद्र सरकार के उसी नियम का हवाला देकर दूसरे राज्‍य कौन कहे, दूसरे जिले जाने का पास भी नहीं दे रही है। आखिर केंद्र सरकार के एक ही नियम की व्‍याख्‍या दो राज्‍य अलग-अलग कैसे कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री करें स्‍पष्‍ट

सरयू राय ने कहा कि प्रधानमंत्री को स्‍पष्‍ट करना चाहिए कि दो प्रकार के राज्‍यों में कौन सही और कौन गलत है। कौन राज्‍य उनके लॉकडाउन का पालन कर रहा है और कौन उल्‍लंघन। राय ने सवाल जोड़े हैं कि क्‍या यह संवैधानिक संकट नहीं है। यूपी, गुजरात, मध्‍यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार को कोटा में जाकर अपनेराज्‍य के बच्‍चों को लाने की अनुमति किसने दी औरा झारखंड-बिहार को यही अनुमति क्‍यों नहीं मिल रही है। बकौल सरयू- यह भारत के संविधान के पालन और उल्‍लंघन का मामला है। केंद्र और राज्‍य की सरकार स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं कर पा रही है तो क्‍या इसके लिए न्‍यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।

मुख्‍य सचिव को लिखा था पत्र

लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही रांची में फंसे सरयू राय अपने चुनाव क्षेत्र जाने की इजाजत के लिए राज्‍य के मुख्‍य सचिव और केंद्रीय कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा था। पत्र के बाद झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने भारत सरकार को पत्र लिखा। इसमें लॉकडाउन में विगत एक माह से अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर फंसे विधायकों, सांसदों, मंत्रियों को उनके चुनाव क्षेत्रों में जाने तथा कार्यों का निरीक्षण करने की बाबत मार्गदर्शन मांगा गया है। हालांकि, अबतक परिणाम नहीं निकला है और स्थिति जस की तस है। 


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