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Jharkhand: दस वर्ष की उम्र में उठा ले गए थे नक्‍सली, करते थे शारीरिक ; अब करेगी पढ़ाई

दस वर्ष की उम्र में अपहरण कर माओवादी इस बच्‍ची को साथ ले गए थे। हार्डकोर माओवादी शारीरिक शोषण करते थे। अब इस लड़की की जिंदगी में नया सबेरा आया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 01:18 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 07:58 PM (IST)
Jharkhand: दस वर्ष की उम्र में उठा ले गए थे नक्‍सली, करते थे शारीरिक ; अब करेगी पढ़ाई
Jharkhand: दस वर्ष की उम्र में उठा ले गए थे नक्‍सली, करते थे शारीरिक ; अब करेगी पढ़ाई

चाईबासा, जासं।  सिर्फ दस वर्ष की उम्र में अपहरण कर माओवादी उसे उठा ले गए थे। उसके साथ यौन शोषण करते थे। अब वह 12 वर्ष की हो गई है। लेकिन, उसका नाम अब हार्डकोर नक्सलियों की सूची में शामिल हो चुका है। उस पर अब पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न थानों में सात मामले दर्ज हो चुके हैं। सुखद बात यह है कि यह नाबालिग माओवादी रिमांड होम नहीं भेजी जाएगी, बल्कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करेगी।

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झारखंड में यह पहला मामला है जिनमें नाबालिग पर केस दर्ज नहीं किया जाएगा। सेल्टर होम में रख बेहतर शिक्षा दी जाएगी। पुलिस अधीक्षक इन्द्रजीत माहथा कहते हैं कि आइपीसी की धारा 83 का इस्तेमाल कर पीडि़ता का कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा। यह पीडि़ता गुदड़ी थाना क्षेत्र से नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराई गई है। वर्ष 2017 में भाकपा माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। माओवादी जीवन कंडुलना उर्फ लम्बु, सुरेश मुंडा, सुभाष उर्फ लोदरो लोहार, सूर्या सोय व चोकोय सुंडी शारीरिक शोषण किया करते थे। दस्ते के साथ जहां पर जाते उसे साथ लेकर जाते थे। विरोध करने पर हत्या की धमकी देते थे। बात नहीं मानने पर मारपीट करते थे। उसे हमेशा माओवादी जीवन कंडुलना व सुरेश मुंडा के आसपास ही रखा जाता था, सो कोई भी नक्सली गिरफ्तार होता तो उसका नाम लेता था। इस कारण उस पर सात मामले दर्ज किये जा चुके हैंं। 

ढाई वर्ष तक रही माओवादी दस्‍ते में 

झाइखैर, पीडि़ता ने चक्रधरपुर महिला थाने में माओवादी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इसमें अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट का जिक्र किया गया है। वह ढाई वर्ष तक माओवादी दस्ते में रही है। पीडि़ता को सीडब्ल्यूसी चाईबासा टीम के पास रखा गया है। उपायुक्त ने भी पुनर्वास की बात कही है।


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