सरयू ने फिर उछाला मालिकाना का मुद्दा, कहा- दिल्ली की तर्ज पर नियमित हो 86 बस्ती Jamshedpur News
मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर की 86 बस्तीयों के मालिकाना का मसला फिर उछाल दिया है। उन्होंने राज्य के भूमि सुधार विभाग के सचिव को इस बाबत पत्र लिखा है।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने एक बार फिर मालिकाना हक का मुद्दा उछाल दिया है। झारखंड सरकार के राजस्व, निबंधन व भूमि सुधार विभाग के सचिव को इस बाबत उन्होंने पत्र लिखा है और दिल्ली का उदाहरण दिया है।
लिखे पत्र में सरयू ने कहा है कि दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बसी अवैध कॉलोनियों को मालिकाना हक देने के संबंध में केंद्र सरकार की मंत्रिपरिषद द्वारा पारित पीएम-उदय (अनअथाराइज्ड कालोनी आवास योजना) के अंतर्गत दिल्ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए वहां के उपराज्यपाल द्वारा मिशन मोड में कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस विषय में 19 जून 2019 को मैंने आपको एक पीत-पत्र भेजा था। इसमें कहा गया था कि सरकार अथवा टाटा लीज की भूमि पर अनाधिकृत रूप से रह रहे जमशेदपुर के निवासियों को उक्त संपत्ति पर मालिकाना हक देने के लिए विधिसम्मत प्रक्रिया आरंभ की जाए।
संयुक्त सचिव ने उपायुक्त को लिखा था पत्र
इसके बाद आपके विभाग (राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार) के संयुक्त सचिव द्वारा इस बारे में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखा गया था। इसकी प्रति मुझे भी मिली थी। इसके पूर्व 22 अक्टूबर 2018 से जमशेदपुर के निवासियों को मालिकाना हक एवं जनसुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मैंने आपको लिखा था। इस विषय में भी राजस्वए निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से मुझे तीन दिसंबर 2018 को कृतकार्य उपलब्ध कराया गया था। परंतु इस विषय में कोई ठोस कारवाई अब तक नहीं हुई। इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जमशेदपुर से एक बयान जारी कर विगत दिनों कहा गया कि जमशेदपुर के 86़ बस्तियों को मालिकाना हक देना संभव नहीं है।
अब नहीं है कोई बाधा
अब जबकि भारत सरकार ने दिल्ली की अनाधिकृत बस्तियों को अक्टूबर 2019 में मालिकाना हक देकर एक मिसाल कायम कर दिया है। तब कोई कारण नहीं है कि झारखंड सरकार जमशेदपुर एवं अन्य स्थानों पर अनेक वर्षों से बसी हुई ऐसी अनेक बस्तियों को मालिकाना हक नहीं दे सके। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये मालिकाना हक के तर्ज पर ही जमशेदपुर एवं अन्य स्थानों पर बसी बस्तियों को भी मालिकाना हक देने की ठोस प्रक्रिया आरंभ की जानी चाहिए। इस विषय में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना तथा गजट अधिसूचना की प्रतियां अधिकारिक तौर पर मंगा लें और इसके आलोक में मालिकाना हक देने का विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।