मंत्री सरयू राय की सलाह: जमीनी स्तर पर काम करने से बदलेगा झारखंड
झारखंड 18 साल को हो गया है, लेकिन यह अब तक परिपक्व नहीं हुआ है। इसकी आवश्यकताओं को समझते हुए जमीनी स्तर पर काम करना होगा, तभी राज्य की स्थिति बदलेगी।
जमशेदपुर जासं। झारखंड 18 साल को हो गया है, लेकिन यह अब तक परिपक्व नहीं हुआ है। इसकी आवश्यकताओं को समझते हुए जमीनी स्तर पर काम करना होगा, तभी राज्य की स्थिति बदलेगी। ये बातें झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने बुधवार को कहीं।
झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर पत्रकारों से बातचीत में सरयू ने कहा कि राज्य में अब तक जो भी सरकार बनी, सबने कुछ न कुछ किया। मौजूदा सरकार भी बहुत कुछ कर रही है, करना भी चाहती है, लेकिन धरातल पर बहुत कुछ नहीं दिख रहा है। अब भी भूख से मौत की खबरें अखबार में छपती हैं, यह दुखद है। इससे राज्य का अपमान होता है।
छोटे-मोटे काम ज्यादा हों
इस सरकार के लक्ष्य बड़े हैं, सोच ऊंची है, लेकिन इसमें जमीनी काम की अनदेखी हो जाती है। हम ऐसे-ऐसे लक्ष्य चुन लेते हैं, जिसे पूरा करने में ही हांफने लगते हैं। छोटे-मोटे काम करने की ज्यादा आवश्यकता है। इसके लिए विपक्ष से भी सलाह लेने में बुराई नहीं है। राय ने कहा कि अभी वे चुनाव के सिलसिले में छत्तीसगढ़ गए थे। वहां गांव-गांव में रमन सिंह चाऊर बाबा के नाम से लोकप्रिय हैं। उनके बारे में वहां का विपक्ष भी आरोप नहीं लगाता। शायद इसी वजह से वे 15 वर्ष से मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री के पास डेढ दर्जन विभाग
यहां भी मुख्यमंत्री ने अपने पास 15-16 विभाग अपने पास रखा है। शायद इसीलिए कि महत्वपूर्ण विभागों पर वे सीधे क्रियान्वयन करा सकें, लेकिन उन विभागों का काम भी जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं दिखता। लगता है कि यहां के नौकरशाह काम ही नहीं करना चाहते। भूत भगाने के लिए सरसों छींटा जाता है, लेकिन सरसों में ही भूत हो तो क्या किया जा सकता है।