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जिले में आए 1622 कुशल, 1486 अ‌र्द्धकुशल व 5390 अकुशल प्रवासी श्रमिक

पूर्वी सिंहभूम जिले में आए अब तक कुल 8645 प्रवासी मजदूर आए हैं जिनमें 1622 कुशल (स्किल्ड) 1486 अ‌र्द्धकुशल (सेमी स्किल्ड) और 5390 अकुशल (अनस्किल्ड) प्रवासी मजदूर हैं। इन सभी को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने शनिवार को जिला समाहरणालय सभागार में बैठक बुलाई जिसमें आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के अलावा टाटा स्टील व टाटा मोटर्स समेत अन्य कारपोरेट कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने के प्रति जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर रोजगार उपलब्ध कराने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 04:22 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:22 AM (IST)
जिले में आए 1622 कुशल, 1486 अ‌र्द्धकुशल व 5390 अकुशल प्रवासी श्रमिक
जिले में आए 1622 कुशल, 1486 अ‌र्द्धकुशल व 5390 अकुशल प्रवासी श्रमिक

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में आए अब तक कुल 8645 प्रवासी मजदूर आए हैं, जिनमें 1622 कुशल (स्किल्ड), 1486 अ‌र्द्धकुशल (सेमी स्किल्ड) और 5390 अकुशल (अनस्किल्ड) प्रवासी मजदूर हैं। इन सभी को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने शनिवार को जिला समाहरणालय सभागार में बैठक बुलाई, जिसमें आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के अलावा टाटा स्टील व टाटा मोटर्स समेत अन्य कारपोरेट कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने के प्रति जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर रोजगार उपलब्ध कराने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।प्रवासी मजदूरों को योग्यता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में उपायुक्त में पदाधिकारियों को कहा कि जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से सर्वे कर पूर्वी सिंहभूम जिले में अब तक आए कुल प्रवासी मजदूरों से संबंधित संपूर्ण जानकारी एकत्रित की गई है। इसमें प्रवासी मजदूरों की योग्यता, शिक्षा और यह भी है कि वे किस राज्य में कार्यरत थे। यह हमारी नैतिक जिम्मेवारी भी है। मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन वह उनके लिए पर्याप्त नहीं है । इसलिए जरूरी है कि हम विभिन्न माध्यमों से उन्हें उनकी योग्यता अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने का हरसंभव प्रयास करे। उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को जिले के विभिन्न प्रखंडों में चल रही विकास योजनाओं से संबंधित संपूर्ण जानकारी से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि को बताया कि जिले में जो प्रवासी मजदूर आए हैं उनमें स्किल्ड और सेमी स्किल्ड मजदूर हैं जिन्हें अच्छा खासा कार्य का अनुभव है जिसका लाभ यहां के इंडस्ट्रीज को मिल सकता है। उपायुक्त ने कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों और विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सुझाव के तौर पर बताया कि कोल्हान प्रमंडल में करीब 15000 श्रमिक गुूजरात के मोरबी से आए हैं, जिन्हें टाइल्स इंडस्ट्री में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। इनके अनुभव का लाभ उठाते हुए टाइल्स उद्योग लगाने पर भी विचार किया जा सकता है। उपायुक्त ने कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि यदि प्रवासी मजदूर को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु किसी प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान करने की बात होगी, तो जिला प्रशासन उन्हें प्रशिक्षण भी देगा। बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, पथ निर्माण विभाग, लघु सिचाई विभाग, भवन निर्माण, विशेष प्रमंडल, ग्रामीण अभियंत्रण संगठन, खनन विभाग सहित अन्य विभाग के पदाधिकारी भी शामिल थे। ---------------------

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प्रखंडवार प्रवासी मजदूर : बहरागोड़ा (1268), बोड़ाम (966),चाकुलिया (1537), धालभूमगढ़ (616), डुमरिया (761), घाटशिला (499), गोलमुरी सह जुगसलाई (182), गुड़ाबांधा (345), पोटका (747),पटमदा (1138) और मुसाबनी प्रखंड में 596 प्रवासी मजदूर आए हैं।


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