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एमजीएम में 1.42 करोड़ की लागत से बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1.42 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 06:33 AM (IST)
एमजीएम में 1.42 करोड़ की लागत से बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
एमजीएम में 1.42 करोड़ की लागत से बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1.42 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेगा। रविवार को इसकी जायजा लेने के लिए रांची से भवन निर्माण विभाग की टीम पहुंची। टीम ने पूरे अस्पातल में निर्माणधीन कार्यो का जायजा लिया। साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी चयनित जगह को देखा।

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22 जून को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान सीवरेज सिस्टम पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था। स्वास्थ्य सचिव की रिपोर्ट में बताया गया है कि एसटीपी के निर्माण हेतु पूर्व में 90 लाख रुपया का प्राक्कलन स्वीकृत किया गया था, जिसे पुनरीक्षण के पश्चात 1.42 करोड़ रुपये किया गया। उक्त प्राक्कलन स्वीकृति हेतु अब तक विभाग को प्रेषित नहीं किया गया है। कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग को तत्काल विभाग पुनरीक्षित प्राक्कलन प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही ब्लॉक-ए तथा बी में मेजर रिपेयरिग का कार्य अत्यंत धीमी है। इसे देखते हुए कार्यपालक अभियंता को निर्देशित किया गया कि वे किए जाने वाले कार्यो की संपूर्ण विवरणी अधीक्षक को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही एक छोटी समिति का गठन कर उक्त कार्य सूची के अनुसार तय सीमा के अंदर हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

उधर, ओपीडी क्षेत्र का मेजर रिपेयरिग का कार्य तत्काल प्रारंभ किया गया है। वहां प्रस्तावित कार्यो का संपूर्ण विवरणी अधीक्षक को उपलब्ध कराएंगे। इस अवसर पर एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार, मुख्य अभियंता विनय कुमार झा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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सभी शौचालय व बाथरूम की होगी मरम्मत

सचिव के रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल के सभी वार्डो में अवस्थित शौचालय एवं बाथरुम के संपूर्ण मरम्मती की आवश्यकता है तथा सीपेज (पानी का रिसाव) रोकने हेतु भी कार्रवाई की जानी है। इस कार्य की प्रगति अत्यंत धीमी है। अत: सर्वोच्च प्राथमिकता पर अतिरिक्त मानव बल लगाते हुए इन कार्यो को पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे।

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पीजी ब्लॉक का कार्य अधूरा होने से नहीं मिल रहा लाभ

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीजी ब्लॉक में प्रसव कक्ष का निर्माण तथा अन्य व्यवस्थाएं भवन निर्माण निगम के माध्यम से हो रहा है। लिफ्ट नहीं लगाए जाने तथा अन्य छोटे कार्य लंबित रहने के कारण यह कार्य बाधित है। निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रसव कक्ष का निर्माण कार्य पूर्ण करना अतिआवश्यक है। इस संबंध में भवन निर्माण निगम को तत्काल पत्राचार किया जाना अपेक्षित है।

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पेयजल व बिजली पाइप क्षतिग्रस्त नहीं करने का निर्देश

सचिव ने कहा है कि संपूर्ण अस्पताल परिसर में पेवर ब्लॉक अधिष्ठापन तथा ड्रेनेज बनाने के क्रम में निकाली गयी मिंट्टी का समतलीकरण किया जाना आवश्यक है। साथ ही यह सभी कार्य करते समय पेयजल की पाइप तथा बिजली की पाइप क्षतिग्रस्त नहीं हो, इस बिंदु पर संवेदकों को मुख्य रूप से सचेत करेंगे।

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क्या है एसटीपी

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी और घर में प्रयोग किए गए जल के दूषणकारी अवयवों को विशेष विधि से साफ किया जाता है। इसको साफ करने के लिए भौतिक, रासायनिक और जैविक विधि का प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से दूषित पानी को दोबारा प्रयोग में लाने लायक बनाया जाता है और उससे निकलते वाली गंदगी का इस प्रकार शोधन किया जाता है कि उसका उपयोग वातावरण के सहायक के रूप में किया जा सके। एसटीपी को ऐसी जगह बनाया जाता है जहां विभिन्न स्थानों से दूषित जल वहां लाया जा सके।


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