दो घंटे तक ड्रेसिंग के लिए तड़पता रहा सिपाही
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। शुक्रवार को परसुडीह थाने के सिपाही राहुल सिंह को ड्रेसिंग कराने के लिए दो घंटे तक दर्द से तड़पना पड़ा। तब जाकर एक सफाई सेवक आया और उनका ड्रेसिंग जैसे-तैसे किया गया। राहुल सिंह के हाथ कट जाने से उन्हें काफी दर्द हो रहा था, खून निकल रहा था। उनका अस्पताल में ड्रेसिंग करने वाला कोई नहीं था। इसी तरह, सड़क दुर्घटना में घायल होकर पहुंचे दीपक कुमार भी दर्द से तड़प रहे था। उन्हें भी ड्रेसिंग करने वाला कोई नहीं था। इस दौरान परिजन को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वे करें क्या करे? डॉक्टर से बोले तो उधर से जवाब मिला कि ड्रेसिंग करना उनका काम नहीं है। ऐसे में मरीज के साथ-साथ उनके परिजन भी लाचार रहे। मानगो डिमना रोड स्थित शंकोसाई निवासी दीपक कुमार गम्हरिया से मोटरसाइकिल पर सवार होकर लौट रहे थे। इसी बीच सोनारी में एक टाटा मैजिक ने धक्का दिया। दीपक कुमार के पैर सहित पूरे शरीर में गंभीर चोट आई थी। अव्यवस्था इमरजेंसी विभाग में बनी हुई है। स्ट्रेचर, व्हील चेयर, कुर्सी पर मरीज भरे पड़े हैं। उन्हें वार्ड में ले जाने वाला कोई नहीं है।
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कल से सभी कर्मचारी जा सकते हैं हड़ताल पर
छह मार्च से एमजीएम अस्पताल के सभी आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिए हैं। ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। नौकरी से निकाले गए करीब 160 आउटसोर्स कर्मचारियों के पक्ष में जेनरल नर्सिग एंड मीडवाइफरी (जीएनएम) नर्स भी आ गईं हैं। सोमवार वे काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज कराईं। मंगलवार को भी काला बिल्ला लगाएंगी। इसके बाद भी अगर किसी तरह की पहल नहीं हुई तो बुधवार से अस्पताल के सारे आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
इमरजेंसी की लिफ्ट बंद
इमरजेंसी विभाग सहित सर्जरी, हड्डी, ईएनटी, नेत्र, महिला एवं प्रसूति व मेडिकल विभाग में लिफ्ट को संचालित करने के लिए एक भी कर्मचारी नहीं है। पूर्व से आउटसोर्स पर कर्मचारियों को हटा दिया गया है। ऐसे में अधिकांश लिफ्ट राम भरोसे हैं। इमरजेंसी विभाग की लिफ्ट बंद हो गई है। मरीजों को उठाकर प्रथम तल्ले पर स्थापित आइसीयू विभाग में ले जाना पड़ रहा है। मरीजों को आइसीयू तक ले जाने वाला कोई नहीं है। किसी तरह दूसरे मरीजों के अटेंडर से सहयोग लेकर मरीज को उठाकर आइसीयू में ले जाया जा रहा है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
मरीजों की परेशानी हुई तो विभागाध्यक्ष जिम्मेदार
एमजीएम की अव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सोमवार को प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी अस्पताल पहुंचे और उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी के साथ बैठक की। वह देर तक समस्याओं की जानकारी लिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मरीजों की परेशानी हुई तो उस विभाग के विभागाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई भी होगी। प्रिंसिपल ने कहा कि अस्पताल की समस्याओं से विभाग को अवगत कराया दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही समाधान होगा।