अधूरा ओटी देखकर भड़के अधीक्षक-उपाधीक्षक
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए कभी भी आ सकती है। इसकी तैयारी को लेकर अस्पताल में हलचल तेज हो गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए कभी भी आ सकती है। इसकी तैयारी को लेकर अस्पताल में हलचल तेज हो गई है।
शुक्रवार को एमजीएम अधीक्षक डॉ. एसएन झा व उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में स्थापित नये भवन में कई गड़बड़ियां सामने आई। इसमें से कई वैसी गड़बड़ियां शामिल हैं जिसे दुरुस्त करने के लिए दो माह पूर्व तत्कालिन स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने एमजीएम की निरीक्षण के क्रम में कहीं थी। नये भवन में हड्डी रोग विभाग के अधूरे ऑपरेशन थियेटर (ओटी) ही बनाकर छोड़ दिया गया है। इसे देखकर अधीक्षक व उपाधीक्षक दोनों भड़क गए। संबंधित ठेकेदार को जल्द से जल्द दुरुस्त करने का निर्देश दिया। इसके बाद नये भवन में स्थापित नेत्र रोग विभाग के ओटी का भी जायजा लिया। यहां पर भी कमियां उजागर हुई। कर्मचारियों ने बताया कि वाश बेसिन व पानी की सुविधा ओटी में नहीं है जिसके कारण सर्जरी करने में दिक्कत हो रही है। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष ने जल्द से जल्द बेसिन व पानी की व्यवस्था कराने की मांग की, ताकि ओटी को व्यवस्थित ढंग से चालू किया जा सके ।
एमजीएम के आउटसोर्स कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने शुक्रवार को आंदोलन की चेतावनी दी। एमजीएम अस्पताल असंगठित मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अगर उन्हें नौकरी से हटाया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें पीएफ का भी लाभ नहीं मिल रहा है। इसे लेकर वे लोग एमजीएम अधीक्षक डॉ. एसएन झा व पीएफ कमिश्नर से मिलेंगे। संघ के सचिव भगवानजी दूबे ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने के निर्णय से कर्मचारियों में काफी रोष है। सरकार के निर्णय से 500 से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। इस बैठक में कालीचरण मुर्मू सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
सदर अस्पताल में 21 लाख की लागत से बनेगा न्यू बॉर्न केयर यूनिट
पूर्वी सिंहभूम जिले में शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लगाने का प्रयास तेज हो गया है। खासमहल स्थित सदर अस्पताल में 21 लाख की लागत से सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनबीसीयू) खोला जाएगा। सरकार ने इसके लिए फंड विभाग को उपलब्ध करा दी है। अभी तक एसएनबीसीयू की सुविधा जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। यहां पर अब एक साथ 12 बीमार नवजात शिशुओं का इलाज किया जा सकेगा। सदर अस्पताल में एसएनबीसीयू की सुविधा नहीं होने के कारण शिशुओं को एमजीएम अस्पताल या फिर किसी दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है। इस दौरान कई शिशुओं की मौत भी हो जाती है। इस यूनिट को संचालित करने के लिए अलग से एक टीम होगी। इसमें शिशु रोग विशेषज्ञ, नर्स सहित अन्य कर्मचारी शामिल होंगे।
सदर अस्पताल में चार बेड का कंगारू मदर केयर सेंटर भी खुलेगा। यह ठीक वैसा ही है जैसे कंगारू अपने बच्चे को बाहरी खतरों से सुरक्षित रखने के लिए उसे अपने पेट की थैली में रखता है। कंगारू देखभाल विधि से शिशु की देखभाल उसकी मां के अलावा उसकी दादी, मौसी, बुआ या यहां तक की बच्चे का पिता भी कर सकता है, पर ध्यान रखें कि उन्हें किसी प्रकार का संक्रमण न हो। इस विधि में बच्चे को मां की छाती के साथ सटाकर यूं पकड़ा जाना चाहिए कि उसका सिर ऊपर रहे।