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एमजीएम में 830 आउटसोर्सिग कर्मचारियों की जांच से मचा हड़कंप

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार क

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 07:23 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 07:23 AM (IST)
एमजीएम में 830 आउटसोर्सिग कर्मचारियों की जांच से मचा हड़कंप
एमजीएम में 830 आउटसोर्सिग कर्मचारियों की जांच से मचा हड़कंप

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे आफरा-तफरी मच गई। अचानक से एडीसी सौरव सिन्हा जांच के लिए अस्पताल पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने जी अलर्ट एजेंसी के अंतर्गत आने वाले सुरक्षाकर्मियों की जांच शुरू की। इस दौरान अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की पूरी संख्या नहीं थी। इसे देखते हुए आनन-फानन में कॉलेज से आठ सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल बुलाया गया। सभी टेंपो पर सवाल होकर पहुंचे और अपनी संख्या पूरी कराई।

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जी अलर्ट एजेंसी को एक शिफ्ट में 31 सुरक्षाकर्मियों को तैनात होना है। यानी कुल 91 सुरक्षाकर्मी को रहना है। जबकि इतने संख्या में सुरक्षा कर्मियों के अस्पताल में नहीं होने का आरोप लगते रहा है।

सूत्रों के अनुसार, 91 सुरक्षाकर्मी में सिर्फ 40 से 45 ही तैनात हैं। इन्हीं सुरक्षाकर्मियों से चार शिफ्ट का काम लिया जाता है। सुरक्षाकर्मियों की शोषण भी खूब जाता है। टेंडर में एक सुरक्षाकर्मियों को 10 से 12 हजार रुपये वेतन देने का प्रावधान है। जबकि 5 से 6 हजार ही मिलता है। इतना ही नहीं, न तो छुंट्टी मिलती है और न ही मेडिकल व पीएफ कटता है। हालांकि, जांच में कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा का खुलासा हो जाएगा। सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम होने की शिकायत कई बार उठाया जा चुका है पर अबतक इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं आउटसोर्स पर तैनात नर्स, सफाईकर्मी, कंप्यूटर ऑपरेटर, वार्ड ब्वाय सहित अन्य कर्मचारियों में भी जांच की जा रही है। इनकी संख्या में भी कमी और पूरी सुविधा नहीं मिलने का आरोप है। 22 कंप्यूटर ऑपरेटरों की जगह पर 16 से ही काम चलाया जा रहा है। अस्पताल में आउटसोर्स पर कुल 830 कर्मचारी तैनात हैं। इसमें 300 नर्स, 161 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी व टेक्नीशियन, 230 सफाई सेवक सहित अन्य शामिल हैं। बताते चले कि कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव निधि खरे एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची थी। इस दौरान आउटसोर्सिग कर्मचारियों की संख्या कम, पूरे वेतन व सुविधा नहीं मिलने की शिकायत की गई थी जिससे अस्पताल के कामों का निपटारा सही समय पर नहीं होता है। इस मामले को निधि खरे ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का भरोसा दिया था।

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पहले दिन 317 कर्मचारियों की हुई जांच

स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने इस मामले की जांच करने के लिए उपायुक्त अमित कुमार को निर्देश दिया है। उपायुक्त ने इसे मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीसी सौरव सिन्हा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। पहले दिन 317 कर्मचारियों की जांच की गई। बाकि कर्मचारियों की जांच शनिवार को की जाएगी। एडीसी सौरव सिन्हा ने बताया कि अस्पताल में तैनात सभी आउटसोर्सिग कर्मचारियों की जांच की जा रही है। इसमें तीनों शिफ्ट में आने वाले कर्मचारी शामिल होंगे। उनकी रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंप दी जाएगी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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