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इमरजेंसी को शिफ्ट करने से पहले सचिव की अनुमति जरूरी

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वि

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 03:00 AM (IST)
इमरजेंसी को शिफ्ट करने से पहले सचिव की अनुमति जरूरी
इमरजेंसी को शिफ्ट करने से पहले सचिव की अनुमति जरूरी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग को नये भवन में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। नये भवन इमरजेंसी लायक नहीं है।

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अस्पताल प्रबंधन ने आयुक्त ब्रजमोहन प्रसाद को भेजी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। बुधवार को इस संदर्भ में एडीएम सुबोध कुमार ने एमजीएम अधीक्षक डॉ. भारतेंदु भूषण से मिलकर चर्चा की। आयुक्त ने कुछ दिनों पूर्व एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया था और इमरजेंसी विभाग को नये भवन में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि पुराने इमरजेंसी विभाग लगभग मानक के अनुरूप है। यहां पर पैथोलॉजी जांच से लेकर रेडियोलॉजी जांच, ऑक्सीजन, आइसीयू सहित सभी तरह की सुविधाएं हैं। जबकि नये भवन में यह सुविधा नहीं है। वह पीजी कोर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। नये भवन मुख्य द्वार से काफी पीछे है जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, वहां पर बेड की संख्या भी 10 ही है। जबकि इमरजेंसी विभाग में 35 है। ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी। रिपोर्ट में इमरजेंसी विभाग को शिफ्ट करने से पहले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की अनुमति जरूरी बतायी गई है।

अधीक्षक डॉ. भारतेंदु भूषण ने कहा कि इमरजेंसी विभाग को शिफ्ट तभी किया जा सकता है जब अलग से मानक के अनुरूप इमरजेंसी भवन बनाया जाए। उसमें सभी तरह की सुविधाएं अनिवार्य है। जिससे मरीजों को इलाज में किसी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो और उसकी जान बचायी जा सके।


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