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एमजीएम में दूसरी बार पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार की

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 02:45 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 02:45 AM (IST)
एमजीएम में दूसरी बार पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर
एमजीएम में दूसरी बार पकड़ा गया फर्जी डॉक्टर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार की दोपहर करीब एक बजे एक फर्जी फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर रंगेहाथ पकड़ा गया। भाजपाई पकड़कर उसे अधीक्षक के समक्ष ले गये और उचित कार्रवाई की मांग की।

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दरअसल, बीते सोमवार को मानगो स्थित गुरुद्वारा बस्ती निवासी नरेश साव की पत्नी किष्या देवी के कमर में तेज दर्द होने पर वह एमजीएम अस्पताल पहुंची। वहां पर रजिस्ट्रेशन काउंटर से पर्ची लेकर वह हड्डी रोग ओपीडी (रूम नंबर-12) में गई तो चिकित्सकों ने उसे एक पर्ची देकर बाराद्वारी स्थित डॉ. एम राजा के पास जाने की सलाह दी और कहा कि एमजीएम में इसका इलाज संभव नहीं है। इस दौरान डॉ. एम. राजा भी ओपीडी में तैनात था। इसके बाद दूसरे दिन जब किष्या देवी बाराद्वारी डॉ. एम. राजा के क्लिनिक में पहुंची तो वह उसे पहचान गई। क्योंकि जब महिला को एम राजा के क्लिनिक का पता दिया गया तो उस वक्त वह भी ओपीडी में मौजूद था। एम राजा ने अपने क्लिनिक में महिला से कहा कि आपका कमर का नस दब गया है और इसका इलाज फिजियोथेरेपी ही है। इसपर करीब 22 हजार खर्च आएगा। इसके बाद महिला सीधे घर चली आई और इसकी जानकारी भाजपा नेता विकास सिंह को दी। उन्होंने बुधवार को उस फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर की पर्ची व मरीज को लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचा। इस दौरान डॉ. एम राजा हड्डी रोग ओपीडी के समीप ही खड़ा था। महिला ने उसे पहचान ली और फिर धर दबोचा गया। इसके बाद अधीक्षक के चैंबर में उसे ले जाया गया और इसकी सूचना साकची पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जांच-पड़ताल कर रही है।

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चार साल पूर्व भी पकड़ा गया था डॉ. एम राजा

हड्डी रोग ओपीडी से चार साल पूर्व भी कांग्रेसियों ने एम राजा को पकड़कर तत्कालीन अधीक्षक स्व. डॉ. एसएस प्रसाद को सौंपा था। तब एम राजा पर एमजीएम से मरीजों को बहला-फुसला कर अपने क्लिनिक ले जाने का आरोप था। उस दौरान एम राजा ने माफी मांगते हुए दोबारा अस्पताल से एक भी मरीज को अपने क्लिनिक में नहीं ले जाने की बात कहीं थी। इसके बावजूद वह रोजाना एमजीएम अस्पताल आते रहा और हड्डी रोग विभाग के ओपीडी में बैठता था।

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इन बिंदुओं पर की जा रही जांच

- किसकी इजाजत से वह ओपीडी में बैठता था?

- जूनियर-सीनियर सभी डॉक्टर आखिर एम. राजा का ही पता क्यों देते है?

- एमजीएम अस्पताल में फिजियोथेरेपी सेंटर संचालित है पर उसकी सुविधा क्यों नहीं ली जाती?

- पूर्व में पकड़ाने व चेतावनी के बावजूद भी वह चिकित्सकों के साथ कैसे ओपीडी में बैठता था?

- फर्जी फिजियोथेरेपिस्ट होने का आरोप है। इसलिए डिग्री की भी हो रही जांच।

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कोट ::

यह हमारे अस्पताल का डॉक्टर नहीं है। चार दिन पूर्व भी एक मरीज द्वारा इस संदर्भ में शिकायत की गई थी। इसे देखते हुए इसपर नजर रखने को कहा गया था। आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया है। उचित कार्रवाई होगी।

- डॉ. भारतेंदु भूषण, अधीक्षक, एमजीएम।

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अस्पताल में फिजियोथेरेपी सेंटर संचालित है। यहां पर कई सुविधाएं दी जा रही है। हालांकि, सेंटर को और भी विस्तार करने के लिए अलग से एक रूम मांगा गया है। इसके बाद मरीजों को अधिक से अधिक सुविधा मिल सकेगी।

- डॉ. उमेश गोराई, फिजियोथेरेपिस्ट, एमजीएम।

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फिजियोथेरेपिस्ट अगर खुद को डॉक्टर बताता है तो यह गलत है। वह डॉक्टर नहीं होता। ऐसे लोग डॉक्टर को बदनाम करने की कोशिश में हैं। अस्पताल से किसी भी मरीज को बहला-फुसला कर बाहर नहीं ले जाया जा सकता है।

- डॉ. मृत्युंजय सिंह, सचिव आइएमए।

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