एमजीएम के डॉक्टरों को मिला सेवा विस्तार, ड्रेसर व वार्ड ब्वाय भी होंगे बहाल
आखिरकार मंत्री सरयू राय की मेहनत रविवार को रंग लाई। लगातार बिगड़ती जा रही महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति को उन्होंने मामूली रूप से ही सही रोक लिया है।
By Edited By: Published: Mon, 06 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 10:08 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आखिरकार मंत्री सरयू राय की मेहनत रविवार को रंग लाई। लगातार बिगड़ती जा रही महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति को उन्होंने मामूली रूप से ही सही रोक लिया है। उन्होंने अस्पताल से सोमवार को सात सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के खत्म हो रहे अनुबंध को अगले आदेश तक रुकवा लिया है। इसके साथ ही खत्म हो रहे छह ट्यूटर डॉक्टर के अनुबंध को भी रुवका लेने में सफलता हासिल कर ली है। हालांकि 97 के स्थान पर अब भी 14 रेजीडेंट डॉक्टर ही अस्पताल में काम करेंगे। मंत्री सरयू राय ने एक बार फिर रविवार को मुख्य सचिव डीके तिवारी व स्वास्थ्य सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी से बात की। उन्होंने अस्पताल की स्थिति से दोनों को अवगत कराया। सरयू राय ने कहा कि इन डॉक्टरों को हटने से मरीजों की जान पर आफत बन आएगी। इसे देखते हुए एमजीएम के वरीय रेजीडेंट डॉक्टर व छह ट्यूटरों की सेवा को विस्तार दने का निर्णय लिया गया। ये सभी अगले आदेश तक बने रहेंगे। अगले एक-दो दिनों के अंदर पत्र जारी होने की संभावना है। अस्पताल की स्थिति पर रांची में होगी बैठक इसके साथ ही सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से भी बात की। उन्हें मरीजों की परेशानी के बारे में बताया। इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने 10 मई को रांची में एक बैठक बुलाई है। इसमें सरयू राय के अलावे एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी, अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सहित अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। मेडिकल कर्मचारियों पर होगा फैसला सरयू राय ने कहा कि इसी बैठक में पारा मेडिकल कर्मचारियों की कमी पर भी फैसला होगा। अस्पताल में ड्रेसर, असिस्टेंट डायटीशियन, इलेक्ट्रिकल हेल्पर, कक्ष सेवक, लिफ्ट मैन, लैब अटेंडर, रसोई सेवक की संख्या शून्य है। वहीं डॉक्टर, नर्स, कंप्यूटर ऑपरेटर, एंबुलेंस चालक, सफाई सेवक, सुरक्षाकर्मी सहित अन्य कर्मचारियों की भारी कमी है। - एमजीएम कॉलेज से हटेगा थाना व फायर ब्रिगेड रविवार को सरयू राय ने एमजीएम प्रिंसिपल, अधीक्षक व उपाधीक्षक को अपने आवासीय कार्यालय पर बुलाया और घंटों देर तक मंथन किया। सरयू राय ने एक-एक कर सभी विभागों से अवगत हुए। इसके बाद कॉलेज में निर्माण होने वाले 500 बेड के अस्पताल के बारे में भी जानकारी ली। अस्पताल के निर्माण में थाना, फायर ब्रिगेड व चिकित्सकों के क्वार्टर से बाधा आ रही है। इसे दूसरे जगह शिफ्ट करना होगा। वहीं पेड़ काटने के लिए वन विभाग से अनुमति मांगनी होगी। इसके लिए मंत्री ने प्रिंसिपल से एक प्रस्ताव बनाकर मांगा है। - इन डॉक्टरों का अनुबंध हो रहा था खत्म सात सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों का अनुबंध खत्म हो रहा है। इसमें डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. आलोक रंजन महतो, डॉ. अजय कुमार, डॉ. शिवचंद्रिका हांसदा, डॉ. सोनी नारायण, डॉ. ठाकुरमनी शामिल हैं। इनके जगह पर जबतक कोई नया डॉक्टर नहीं आ जाते तबतक ये बने रहेंगे। - आइएमए ने दी मंत्री को बधाई मंत्री की पहल पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने उन्हें बधाई दी है। सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि उन्हीं की वजह से सभी डॉक्टरों को सेवा विस्तार मिला है। अन्यथा मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाता। अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी है। - मरीजों को बेहतर चिकित्सा व सुविधा दिलाने की कोशिश में जुटा हूं। इसके लिए हर सप्ताह मैं खुद अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री सबसे बात करके यहां की समस्या से अवगत करा रहा हूं। उम्मीद है कि सभी खामियां दूर कर ली जाएंगी और मरीजों को बेहतर चिकित्सा मिल सकेगी। - सरयू राय, मंत्री, खाद्य-आपूर्ति विभाग
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