एमजीएम के 68 वर्षीय डॉ. देवेंद्र ने दी कोरोना को मात, कहा- मजबूत इच्छाशक्ति से जीत पक्की Jamshedpur News
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ईएनटी विभाग के सीनियर डॉक्टर डॉ. देवेंद्र टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) से कोरोना से जंग जीतकर निकले।
जमशेदपुर (जासं) । महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ईएनटी विभाग के सीनियर डॉक्टर 68 डॉ. देवेंद्र टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) से कोरोना से जंग जीतकर निकले। उन्होंने कहा कि मेरी स्थिति गंभीर थी और उसका इलाज एमजीएम में संभव नहीं था। वहां जाने के बाद चिकित्सकीय दल का समर्पण देख आधी बीमारी अपने आप ठीक हो गई। आठ घंटे तक पीपीई किट पहनकर सीनियर से लेकर जूनियर डॉक्टर तक एक-एक मरीज से मिलते और उनकी खैरियत पूछते हैं।
मैं जमशेदपुर में 1968 से हूं। अधिकांश लोगों के जुबान से टीएमएच का मतलब तुम्हें मरना होगा ही निकलता है। मैंने भी सूना है। लेकिन, मेरे हाथ में आज यदि पावर होता तो इसका नाम बदलकर तुम मेरे हो रख देता। जहां गंभीर मरीज अधिक आ रहे हैं वहां मौत तो होगी ही। मैं खुद एक डॉक्टर हूं। गलत-सही की समझ मुझे है। दस दिन तक कोरोना मरीज के रूप में भर्ती रहा। सामान्य मरीज की तरह ही मेरा भी इलाज हुआ। कहीं कोई गलती समझ में नहीं आई। हां, इतनी बड़ी महामारी आई है तो फाइव स्टार जैसे खाना व सफाई की उम्मीद नहीं की जा सकती।
एमजीएम में बहुत सुधार की जरूरत
एमजीएम अस्पताल में बहुत सुधार की जरूरत है। वहां इलाज की सुविधा नहीं होने की वजह से टीएमएच पर बोझ अधिक है। फिलहाल एमजीएम में चिकित्सक, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ानी चाहिए।