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गरीबों के कंबल डकार गई सरकार : डॉ. अजय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट ने राज्य में रघुवर सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे की हकीकत को सार्वजनिक कर दिया। समावेशी विकास का दावा करने वाले मुख्यमंत्री के शासन में गरीबों को बाटने के लिए 2016 में श्रम नियोजन विभाग ने 9.

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 09:00 PM (IST)
गरीबों के कंबल डकार गई सरकार : डॉ. अजय
गरीबों के कंबल डकार गई सरकार : डॉ. अजय

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट ने राज्य में रघुवर सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे की हकीकत को सार्वजनिक कर दिया। समावेशी विकास का दावा करने वाले मुख्यमंत्री के शासन में गरीबों को बाटने के लिए 2016 में श्रम नियोजन विभाग ने 9.82 लाख ऊनी कंबल आपूर्ति करने का आदेश इस शर्त के साथ दिया था कि कंबल स्थानीय बुनकरों के द्वारा तैयार किया जाएगा। झारक्राफ्ट के अधिकारियों की मिलीभगत से निविदा में उल्लेखित शतरें का उल्लंघन करते हुए बाहर से घटिया कंबल खरीदकर आपूर्ति ही नहीं किया बल्कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर भुगतान भी कर दिया गया।

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डॉ. अजय रविवार को तिलक पुस्तकालय बिष्टुपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोची समझी रणनीति के तहत श्रम विभाग से आदेश प्राप्त होने के बाद स्थानीय बुनकरों से कंबल निर्माण के लिए धागा एवं हस्तकरघा मुहैया करवाने की योजना भी बनी जो फाइलों तक ही सीमित रह गई। फाइलों में धागा खरीदने से लेकर कंबल ढुलाई की कारवाई उल्लेखित है। पानीपत की दो कंपनी एनएन वूलन मिल्स एवं उन्नति इंटरनेशनल से 15.54 करोड़ रुपये के धागे खरीदी कर 27 कलस्टरों पर आपूर्ति का उल्लेख तो है, पर इस संबंध में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। हरियाणा की जिन चार ट्रासपोर्ट कंपनी के द्वारा धागा एवं अर्धपरिस्कृत कंबल की ढुलाई का उल्लेख फाइल में है, उन्होंने टेंडर में हिस्सा तक नहीं लिया है और उनके नाम से 1.10 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। पानीपत से सड़कमार्ग के द्वारा ट्रकों के द्वारा 48 से 261 किमी प्रति घटा की रफ्तार से धागों की ढुलाई का उल्लेख है जबकि भारतवर्ष में ट्रकों की औसत रफ्तार 20 से 40 किमी प्रति घटा है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर 18.41करोड़ रुपये के भुगतान पर सरकार की चुप्पी इस बात की पुष्टि करती है। घोटालों का सिलसिला यहां थमता नहीं दिख रहा। सीएजी की रिपोर्ट से ये बातें भी सामने आई है कि झारखंड के अधिकारियों ने बहुचर्चित चारा घोटाले के तर्ज पर राज्य में एकबार पुन: घोटाले की आशका जताई गई है। महालेखाकार की रिपोर्ट में सत्य साबित हो रहा है। बावजूद इसके सरकार मौन साधे हुए है और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का दावा करती फिर रही है। दरअसल रघुवर सरकार घोटालों की जाच कराने से कतराती है, क्योंकि जाच के बाद भागीदारी सुनिश्चित होगी और वहीं दूसरी ओर बड़ी सफाई से विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इनके कैबिनेट मंत्री सरयू राय बयानबाजी करते हैं। अगर सरयू राय घोटालों को लेकर इतने ही संवेदनशील हैं, तो सरकार से उनको इस्तीफा देना चाहिए और तब बाहर आकर बयानबाजी करनी चाहिए। प्रेस वार्ता में जिला अध्यक्ष बिजय खां, कोल्हान प्रवक्ता राकेश तिवारी, ब्रजेंद्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, प्रिंस सिंह, धर्मेद्र प्रसाद, जोगिंदर सिंह उपस्थित थे।


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