नेताओं से रामराज्य की कल्पना नहीं : त्रिपाठी
जुगसलाई चौक बाजार स्थित सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी में नौ दिवस
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जुगसलाई चौक बाजार स्थित सत्यनारायण मंदिर ठाकुरबाड़ी में नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ शुरू हुआ। पहले दिन शनिवार को वृंदावन से आए पंडित संतोष कृष्ण त्रिपाठी 'ऋषि' ने व्यासपीठ से कहा कि ज्ञान, भक्ति और क्रिया से भगवत प्राप्ति होती है। संसार के दुख की मुख्य वजह यही है कि मनुष्य में संतुष्टि नहीं है। भगवान राम ने वन में रहते हुए भी सभी जीवों से प्यार किया। मानस के सभी प्रसंग और पात्र एक-दूसरे के पूरक हैं। सबसे उपेक्षित और उत्पीड़ित सबरी जैसी नारी का उदाहरण देते और वर्तमान राजनेताओं की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कथा वाचक ने कहा कि ऐसे राजनेताओं से रामराज्य की कल्पना तब तक नहीं की जा सकती। भगवान राम ने जिस प्रकार उत्पीड़ित सबरी को माता का दर्जा दिया था, उसी तरह ऊंचे पदों पर बैठे राजनेता सबसे उपेक्षित और उत्पीड़ित सबरी जैसी नारी को माता का दर्जा देकर गले नहीं लगा लेते तक रामराज्य संभव नहीं। ऋषि ने कहा कि श्रीरामचरित मानस ही ऐसा ग्रंथ हैं जो समाज को एकजुट रखने का कार्य करता है। उन्होंने मानस का वर्णन करते हुए कहा कि परशुराम, हरिश्चंद्र, दधीचि, विश्वामित्र, दशरथ और अन्य महापुरुष दिव्य चरित्र हैं। लेकिन, सभी भगवान राम को समर्पित हैं। इसका कारण यह है कि भगवान राम की मन:स्थिति एवं विचार सबसे अलग थे। राम ने सदा ही दूसरों के कल्याण को जीवन का ध्येय माना। उन्होंने परिवार और प्रजा की खुशियों के लिए स्वयं की खुशिया त्यागी। इसीलिए भगवान राम सबके आराध्य हैं। कथा में मुख्य यजमान पंडित श्रवण कुमार जोशी, गिरधारी लाल शर्मा, पंडित पवन शर्मा, गोपाल केड़िया, दीपक जोशी, पवन अग्रवाल, जगदीश गनेड़ीवाल व रतन जोशी सहित तमाम लोग मौजूद थे।