मतदाता सूची पुनरीक्षण में सहयोग करें राजनीतिक दल : डीसी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एक सितंबर से चार जनवरी तक चलने वाले संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एक सितंबर से शुरू और चार जनवरी तक चलने वाले संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को उपायुक्त की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में बैठक हुई। इसमें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से एक सितंबर से चलने वाले संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में सहयोग करने की अपील करते हुए उनसे बूथ लेबल एजेंट नियुक्त कर उसकी सूची विभाग को उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इससे संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में वैसे किसी भी व्यक्ति का नाम न छूटे जो मतदान करने की अर्हता रखते हों। 23 सितंबर को मतदाता सूची का अवलोकन उपायुक्त ने राजनीतिक दलों को बताया कि नौ सितंबर और 23 सितंबर को ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामसभा के माध्यम से एवं शहरी क्षेत्र में निकाय व अन्य एजेंसियों के माध्यम से लोगों को मतदाता सूची का अवलोकन कराया जाएगा। जिससे लोग यह जान सकेंगे कि उनके परिवार के सदस्यों का नाम मतदाता सूची में है अथवा नहीं। इसी प्रकार 16 सितंबर और सात अक्टूबर को बूथ स्तर पर लोगों के दावा एवं आपत्ति आवेदन स्वीकार किए जायेंगे। 13 व 14 अक्टूबर को दिव्यांगों के लिए विशेष अभियान उपायुक्त ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार 13 एवं 14 अक्टूबर को मतदान करने की अर्हता रखने वाले दिव्याग व्यक्तियों के लिए विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची से संबंधित उनकी समस्याओं का निष्पादन उनके घर जाकर किया जाएगा।
उपायुक्त ने उपस्थित प्रतिनिधियों से आम जनता के बीच पुनरीक्षण कार्यक्रम की सूचना पहुंचाने एवं उनको मतदान केंद्रों तक निबंधन हेतु लाने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। ब्लॉक लेवल आर्गेनाइजर (बीएलओ) की सूची प्रतिनिधियों को सौंपी गई। साथ ही उनको यह भी कहा गया कि दावा-आपत्ति की जो सूची इलेक्ट्रोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) द्वारा राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए, उस पर निश्चित रूप से ससमय आपत्ति दाखिल करें। बैठक में उप निर्वाचन पदाधिकारी के साथ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि उपस्थित थे। शेष राजनीतिक दलों को सूचना के बावजूद उपस्थित नहीं होने पर खेद जताया गया।