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हड्डीतोड़, मालिशजोड़ सड़क बन गया एनएच : डॉ. अजय

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि घोटालों के

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 02:16 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 02:16 AM (IST)
हड्डीतोड़, मालिशजोड़ सड़क बन गया एनएच : डॉ. अजय
हड्डीतोड़, मालिशजोड़ सड़क बन गया एनएच : डॉ. अजय

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि घोटालों के कारण एनएच-33 नहीं बन पा रहा है। मुख्यमंत्री जमशेदपुर में गोलगप्पे खाते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि एनएच पर चलें और तमाड़, चौका में गोलगप्पे खाकर दिखाएं। एनएच-33 आज की तारीख में दुनिया की सबसे बड़ी हड्डीतोड़, मालिशजोड़ वाली सड़क बन गई है। कांग्रेस बहुत जल्द इस सड़क को लेकर पोस्टर कैंपेन चलाएगी। एनएच-33 के निर्माण में महाघोटाला हुआ और इसका निर्माण आज तक पूरा नहीं हो सका। उच्च न्यायालय ने भी कई अवसरों पर टिप्पणी की। लेकिन दुर्भाग्य है कि घोटालेबाज सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। कैसी विडंबना है कि मुख्यमंत्री ने मोमेंटम झारखंड में इतना एमओयू कर लिया है जितनी पूरे राज्य में जमीन भी नहीं है। एक तरफ राज्य के लोग भूख से मर रहे हैं। झरिया में तीन दिनों से पीने का पानी नहीं है और मुख्यमंत्री चीन की सैर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री वहां सीखने नहीं, घोटाले करने की सीख देने गए हैं।

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डॉ. अजय रविवार को सर्किट हाउस एरिया स्थित आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूख से हुई मौत के कारण झारखंड पूरे देश में शर्मशार हुआ। पिछले 10 महीनों की सुर्खियों में आई खबरों के मुताबिक झारखंड में भूख से 10 लोगों मौत हुई है। जबकि ऐसी और कितनी मौतें हुई हैं इसका लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं है।

झारखंड में हुए घोटाले

डॉ. अजय कुमार ने कहा कि झारखंड में इन दिनों लगातार घोटाले की खबर सुर्खियों में हैं। मोमेंटम झारखंड, स्किल डेवलपमेंट के बाद अब कंबल घोटाला और टैब घोटाला सुर्खियों में है।

बहुत बड़ा है कंबल घोटाला

उन्होंने कहा कि देश और विदेश के बाजारों में झारखंड के सिल्क और हस्तशिल्प उत्पादों को स्थान दिलाने के लिए बनी संस्था झारक्राफ्ट इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियों की वजह कंबल घोटाला है। इसको लेकर संस्था की सीईओ रेणु गोपीनाथ पणिक्कर पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। एजी की रिपोर्ट में कंबल वितरण में बड़ी अनियमितता दिखाई गई। दरअसल गरीबों के कंबल के लिए सरकार ने झारक्राफ्ट को लगभग 10 लाख कंबल बनाने के काम दिया था। लेकिन झारक्राफ्ट के अधिकारियों ने एसएचजी और बुनकर सहयोग समितियों के साथ मिलकर कंबल बनाने के नाम पर करोड़ों का बड़ा घोटाला कर दिया।

बिना बने ही बंट गए कंबल

महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया कि बगैर कंबल बने ही झारक्राफ्ट ने कंबल का वितरण दिखा दिया। महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार कई बुनकर सहकारी समितियों और एसएचजी ने अपनी क्षमता से कई गुना ज्यादा कंबल बुना है। वैसे समय में भी कंबल बुना दिखाया गया है, जब उस संस्था के पास कंबल बुनने के लिए करघा या लूम मौजूद नहीं थे। कंबल वितरण के काम में लगे एक ही वाहन एक ही समय में दो अलग-अलग दिशाओं में जाते दिखाए गए हैं। कुछ वाहनों को 24 घटे में तीन हजार किमी की यात्रा भी दिखाई गई है, जो संभव नहीं है। बिना ऊनी धागा और कच्चे माल के ही कंबल बुनने का भी कारनामा बुनकर सहयोग समिति और एसएचजी ने किया है। डॉ. अजय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से यह जानना चाहूंगा कि रेणु गोपीनाथ पणिक्कर का जमशेदपुर से क्या रिश्ता है। वह जमशेदपुर की स्थाई निवासी हैं या केरल की, उनकी क्या विशेषता है? जिसकी वजह से उन्हें झारक्राफ्ट का सीईओ बनाया गया।

टैब घोटले से शर्मसार हुआ सूबा

डॉ. अजय ने कहा कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने टैब घोटाले की खबर आयी थी, जिसमें 56 करोड़ की टैब धूल फाक रहे हैं। एक टैब की कीमत 13405 रुपये थी। 41 हजार टैब की खरीदारी जैप आइटी ने की, जिसकी कुल लागत 56 करोड़ रुपये आई। जिस टैब की खरीदारी की गई वो उस मॉडल का टैब बाजार में कहीं उपलब्ध ही नहीं है। सरकार से यह पूछना चाहता हूं कि जैपआइटी जैसे विभाग में आइटी के जानकारों की नियुक्ती न कर वन विभाग या किसी अन्य विभाग से सीईओ स्तर के पदाधिकारी की नियुक्ति क्या इन्हीं घोटाले को अंजाम देने के लिए की गई।


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