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विमान सेवा को अब तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार

सोनारी एयरपोर्ट से छोटी विमान सेवा शुरू करने और धालभूमगढ़

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 11:03 PM (IST)
विमान सेवा को अब तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार
विमान सेवा को अब तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सोनारी एयरपोर्ट से छोटी विमान सेवा शुरू करने और धालभूमगढ़ एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए रविवार को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए), एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के साथ ही एयर डेक्कन की टीम ने सोनारी और धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निरीक्षण किया।

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निरीक्षण के दौरान ही एयर डेक्कन की 18 सीटर प्लेन की लैंडिंग करा कर भी देखा गया। इसमें ये बात सामने आई कि रनवे थोड़ा ऊंचा-नीचा है और एयरपोर्ट के कदमा छोर के कुछ भवन और बिजली के पोल आदि लैडिंग में परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं। इसीलिए रविवार को कई चक्कर काटने के बाद एयर डेक्कन का विमान सोनारी के छोर से एयरपोर्ट पर उतरा। इसके बाद तीन पायलट के दल ने कार से भी रनवे का निरीक्षण किया। तकनीकी टीम ने एयरपोर्ट का नक्शा सहित अन्य बिंदुओं पर भी जांच पड़ताल की। इसके बाद एयरपोर्ट पर ही एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी शांतनु, टीके गुप्ता, अरविंद कुमार व एमएम पर्ब तथा डीजीसीए के संयुक्त निदेशक जेएस रावत, सहायक निदेशक जे शांतनम, सांसद विद्युत वरण महतो, उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे, एडीसी सौरव कुमार सिन्हा, एसडीओ धालभूम माधवी मिश्रा, टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कारपोरेट सर्विसेज) सुनील भास्करन व चीफ (कारपोरेट रिलेशंस) ऋतुराज सिन्हा ने बैठक भी की।

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टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट के बाद होगा अंतिम निर्णय : डीसी

बैठक के बाद उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि सोनारी एयरपोर्ट के निरीक्षण के बाद यहां 18 सीटर विमान सेवा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया को टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट 10 दिनों में तैयार करने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण के बाद जो छोटी-मोटी बाधाएं सामने आई हैं, उनको जल्द से जल्द दूर करने की सहमति बनी। बड़े ही सकारात्मक व उत्साहजनक माहौल में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई। 18 सीटर प्लेन की सफल लैंडिंग हुई। तकनीकी टीम ने 'गो-सॉफ्ट' सॉफ्टवेयर के जरिए फिजिबिलिटी देखी। 10 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। अंतिम निर्णय इस रिपोर्ट के आ जाने के बाद ही होगा। सुरक्षा संबंधी कहीं कोई परेशानी नहीं है। मानकों को पूरा करने में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसी को ध्यान में रखकर यह पूरी कवायद की गई है।

रक्षा मंत्रालय से ली जाएगी सैद्धांतिक अनापत्ति

एक सवाल के जवाब में जमीन को लेकर सेना की आपत्ति को जिला प्रशासन पहले ही अपनी रिपोर्ट में खारिज कर दिया है। 1964 के खतियान के अनुसार जमीन सरकारी है। यह रिपोर्ट राजस्व विभाग को सौंपी गई है। रिपोर्ट के आधार पर सरकार से रक्षा मंत्रालय से सैद्धांतिक अनापत्ति लेने का आग्रह किया गया है।

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एक माह में विमान सेवा शुरू होने की उम्मीद : सांसद

पत्रकारों को संबोधित करते हुए सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि सोनारी एयरपोर्ट से एक माह में 18 सीटर विमान सेवा शुरू होने की उम्मीद है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि जो व्यवस्था है उसी में छोटी विमान सेवा शुरू की जाए, बाद में रनवे का विस्तार करने की प्रक्रिया शुरू होगी। कुछ पोल और कुछ भवन परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं, इनको हटाने और रनवे की मरम्मत करने पर भी चर्चा हुई। जहां तक धालभूमगढ़ एयरपोर्ट की बात है तो वहां 150 एकड़ वन विभाग की जमीन है। इसी एमओयू कराकर इस एयरपोर्ट को शुरू करने की बात हुई। दोनों एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू करने को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री व नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के साथ तीन-तीन बार बैठक हो चुकी है। इसमें दोनों एयरपोर्ट को जल्द से जल्द शुरू करने पर जोर दिया गया।

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रनवे 400 मीटर बढ़ाने की जरूरत : वल्सराज

अनौपचारिक बातचीत करते हुए एयर डेक्कन के प्रेसिडेंट कैप्टन के वल्सराज ने कहा कि हमारी नौ सदस्यीय टीम भी आई है। सारी जांच पड़ताल के बाद ये बात सामने आई है कि एयरपोर्ट के कदमा छोर पर स्थित कुछ पोल और भवन लैंडिंग में परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं। साथ ही रनवे को कम से कम 400 मीटर बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि केवल 18 सीटर विमान सेवा लंबे समय तक चलाकर एयर डेक्कन के पल्ले कुछ नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम सेवा शुरू करने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन अंतिम निर्णय डीजीसीए को लेना है।

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हेलीकॉप्टर से धालभूमगढ़ गई टीम

सोनारी एयरपोर्ट पर जांच-पड़ताल व बैठक समाप्त होने के बाद डीजीसीए व एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया की टीम धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निरीक्षण करने गई। उनके साथ अपर उपायुक्त सौरव कुमार सिन्हा भी गए।

बनाएं 3000 मीटर लंबी व 400 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी

एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया की टीम ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का लगभग दो घंटे तक निरीक्षण किया। टीम ने पहले के प्रस्ताव का नक्शा गूगल मैप के अनुसार विकसित करने की संभावना को तलाशने का प्रयाय किया। पूरी टीम ने वाहन से पूरे एयरपोर्ट समेत एप्रोच रोड का निरीक्षण किया। जेएस रावत ने बताया कि विंड पैर्टन उपलब्ध नहीं है। इसलिए पूर्व प्रस्ताव को रद किया जाएगा। जमीन पड़ी है, इसका उपयोग होना चाहिए। फिर से तीन हजार मीटर लंबी एवं चार सौ मीटर चौड़ी हवाई पट्टी निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है। पूर्व का एयरपोर्ट इसके लिए उपयुक्त है। प्रस्ताव जाने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस पर गंभीरता से विचार करेगी। धालभूमगढ़ हवाई पट्टी को विकसित करने की पूरी संभावना है। एडीसी सौरव कुमार व एसडीओ अर¨वद कुमार लाल से कहा कि जल्द से जल्द तीन हजार मीटर लंबी एवं चार सौ मीटर चौड़ी हवाईपट्टी निर्माण के लिए नक्शा एवं कागजात विभाग के पास जमा कराएंगे। पूर्व के प्रस्ताव में रनवे एनएच से लगभग चार मीटर की दूरी पर था। इसलिए उड़ान भरने एवं उतरने में परेशानी हो सकती है। इस कारण नया प्रस्ताव भेजने को कहा। मौके पर उपस्थित सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि लोकसभा के पिछले सत्र में मंत्री जयंत सिन्हा एवं अधिकारियों से बात हुई थी। सांसद ने आग्रह किया था कि जल्द से जल्द एयरपोर्ट का निरीक्षण हो। एयरपोर्ट निर्माण में कम से कम रैयतदार की जमीन जाए, इसका भी ख्याल रखा जाएगा। एयरपोर्ट बनने से तीनों राज्य के लोगों को लाभ मिलेगा। बहुत जल्द धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।


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