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अब शाम आठ बजे के बाद बाहर नहीं जा सकेंगे एमबीबीएस के छात्र, ये रही वजह

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं अब शाम आठ बजे के बाद हॉस्टल से बाहर नहीं जा सकेंगे। छात्रों और पुलिस के बीच मारपीट के बाद फैसला हुआ है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 12:15 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:19 AM (IST)
अब शाम आठ बजे के बाद बाहर नहीं जा सकेंगे एमबीबीएस के छात्र, ये रही वजह
अब शाम आठ बजे के बाद बाहर नहीं जा सकेंगे एमबीबीएस के छात्र, ये रही वजह

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता।  महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में सन्नाटा पसरा हुआ है। शुक्रवार को कॉलेज खुला, लेकिन जूनियर डॉक्टर नहीं लौटे। इसे देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने सभी छात्रों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। अगर, 25 मार्च तक छात्र नहीं लौटे तो उनपर कार्रवाई की जाएगी। 

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बताते चलें कि बीते शनिवार को पुलिस व एमबीबीएस छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद से सभी छात्र हॉस्टल छोड़कर फरार हैं। इधर, पुलिस ने भी कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है। हॉस्टल के मुख्य गेट पर एक नोटिस चिपकाया गया है। जिसमें सभी आरोपित युवकों की पहचान कर जल्द से जल्द जानकारी मांगी गई है। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। एमजीएम कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी ने बताया कि हॉस्टल के सभी कमरों का री-अलॉटमेंट किया जाएगा। ताकि जो गलत ढंग से रह रहे हैं, उन्हें हॉस्टल खाली कराया जा सके। डॉ. अखौरी ने बताया कि अब छात्रों की किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शाम आठ बजे के बाद कोई भी गेट से बाहर नहीं जा सकेगा। अगर, कोई जाता है तो उसपर कार्रवाई करने के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। 

छात्रों को दिया जाएगा आइ-कार्ड

हॉस्टल के चीफ वार्डन डॉ. आरके मधान ने बताया कि सभी छात्रों को आइ कार्ड दिया जाएगा। जिसमें कमरा नंबर, नाम और सत्र लिखा होगा। इससे बाहरी युवक हॉस्टल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और न ही रह सकेंगे। वहीं बेहतर सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए नाइट गार्ड व सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। ताकि छात्रों पर सख्ती के साथ निगरानी किया जा सकें। घटना के बाद से छात्र-छात्राओं की तमाम शिकायतें सामने आई है, जो सवाल खड़ा करती है। इसमें पेट्रोलिंग पुलिस द्वारा यह भी शिकायत की गई है कि रात दो-दो बजे तक छात्र-छात्राएं आपत्तिजनक हालत में बैठे रहते हैं। कई बार उन्हें टोका भी गया है। इसके बावजूद वह नहीं मानते। इसे देखते हुए प्रबंधन ने कड़ा रूख अपनाया है। 


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