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मई दिवस पर याद किए गए मजदूर आंदोलन के प्रणेता केदार दास

मजदूर दिवस पर दिवंगत केदार दास के बलिदान को याद किया गया और कहा गया कि आज मजदूरों के हक की लड़ाई के लिये केदार दास जैसे लीडर की आवश्यकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 02:02 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 02:09 PM (IST)
मई दिवस पर याद किए गए मजदूर आंदोलन के प्रणेता केदार दास
मई दिवस पर याद किए गए मजदूर आंदोलन के प्रणेता केदार दास

जमशेदपुर, जेएनएन। झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन एवं जमशेदपुर डिवीजन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से मई दिवस (मजदूर दिवस) मनाया गया, जिसमें शहर के प्रख्यात मजदूर नेता केदार दास याद किए गए। बिष्टुपुर में हुई सभा में सबसे पहले शिकागो में मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते हुऐ शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।सभा की अध्यक्षता कॉम गिरीश ओझा ने की।

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सभा में मुख्य अतिथि के रूप में जमशेदपुर के वरिष्ठ मजदूर नेता दुलाल मुंशी ने जमशेदपुर में पूर्व में  हुए मजदूर आंदोलन की यादें ताजा की। आज की परिस्थिति में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हालात पर चिंता व्यक्त की। मुंशी ने दिवंगत केदार दास के बलिदान को याद किया और कहा कि आज मजदूरों की हक की लड़ाई के लिये केदार दास जैसे लीडर की आवश्यकता है।

अस्थायी कर्मियों के शोषण पर चिंता

इस अवसर पर झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव आरबी सहाय, उपमहासचिव सपन अदख़ व हीरा अरकने ने बैंक के अंदर दैनिक वेतन पर काम करनेवाले कर्मचारियों के शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि बैंक मैनेजमेंट दैनिक वेतन कर्मियों का शोषण कर रहा है। बैंकों के अंदर स्थाई कर्मचारियों का भी शोषण किया जा रहा है। बैंको का विलय कर कर्मचारियों कि संख्या में कमी की जा रही है। जहां आज रोजगार बढ़ाने की आवश्यकता है, वहां वर्तमान सरकार रोजगार को कम करने का कम कर रही है । सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है।

मई दिवस की छुट्टी नहीं मिलने पर उठे सवाल

अपने को मजदूर कहनेवाले हमारे मुख्यमंत्री राज्य में मई दिवस की छुट्टी पिछले तीन सालों से नहीं दे रहे हैं। इस देश में पूंजीपतियों को मजदूरों के शोषण की खुली छूट मिली हुई है। इसके लिए मजदूरों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि शिकागो के शहीदों ने जो सुविधाएं हासिल की उसे खत्म करने की साज़िश हो रही है। इसके लिए लगातार संघर्ष करना होगा। आल इंडिया एल आई सी इम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव राजेश कुमार ने कहा कि जो मजदूर इस देश के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाता है,उसका भरपूर शोषण हो रहा है। इस देश के अंदर 10 प्रतिशत लोग देश की संपति के मालिक हैं। जो संगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी असंगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।

जेट की बंदी पर हुई चर्चा

उन्होंने जेट एयरवेज के बंद होने से बेरोजगार हुए 20 हजार कर्मचारियों की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों जिसमें बीएसएनएल, डाक विभाग समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान घाटे में जा रहे हैं। दूसरी ओर फ्री में सर्विस उपलब्ध कराने वाली रिलायंस जियो करोड़ों अरबों का लाभ कमा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नई पीढ़ी के लिए रोजगार एक भयानक परिस्थिति पैदा करेगा। इसलिए इस देश के अंदर एकजुट होकर सरकार के पूंजीपतियों को,निजी क्षेत्र के संस्थानों को  लाभ पहुंचाने वाले नीतियों का विरोध करने की आवश्यकता है।

दी मजदूर दिवस की शुभकामनाएं

सभा के अंत में गिरीश ओझा ने शहर के मजदूरों को मजदूर दिवस की शुभकामनाए दी और मजदूरों के हक की हर लड़ाई में शामिल होकर शिकागो के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया।


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