BONUS बोनस को लेकर टीआरएफ में कैंटीन का सामूहिक बहिष्कार Jamshedpur News
टाटा रॉबिंस फ्रेजर (टीआरएफ ) लिमिटेड के कर्मचारियों ने लंबित ग्रेड रिवीजन और सालाना बोनस की मांग को लेकर छठे दिन मंगलवार को भी सामूहिक रूप से कैंटीन का बहिष्कार किया।
जमशेदपुर (जासं)। टाटा रॉबिंस फ्रेजर (टीआरएफ ) लिमिटेड के कर्मचारियों ने लंबित ग्रेड रिवीजन और सालाना बोनस की मांग को लेकर छठे दिन मंगलवार को भी सामूहिक रूप से कैंटीन का बहिष्कार किया। आक्रोशित कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी यूनियन कार्यालय का घेराव किया और प्रबंधन को भी खरी-खोटी सुनाई।
मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक यूनियन कार्यालय में अफरातफरी मची रही। इस दौरान कर्मचारियों ने एमडी ऑफिस की तरफ भी जाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। आंदोलन के अगले चरण में अब कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी करेंगे। कर्मचारियों ने कैंटीन में चाय, नाश्ता व भोजन का सामूहिक बहिष्कार किया।
तीन बार यूनियन कार्यालय का किया घेराव
मंगलवार को कर्मियों ने तीन बार यूनियन कार्यालय का घेराव किया। सुबह साढ़े नौ बजे सबसे पहले कर्मचारियों का हुजूम यूनियन ऑफिस आ धमका। आक्रोशित कर्मचारी लंबित ग्रेड रिवीजन और बोनस को लेकर महामंत्री संजय झा से जवाब- तलब करने लगे। किसी तरह महामंत्री और उनकी टीम ने कर्मचारियों को शांत करा कर वापस भेजा।
फिर अपराह्न ग्यारह बजे लंच के समय कर्मचारी यूनियन ऑफि स आकर हंगामा करने लगे। उस दौरान जल्द निर्णय लेने की बात यूनियन नेताओं ने कही। दोपहर दो बजे ड्यूटी से लौट रहे और ड्यूटी आये कर्मचारियों ने एक बार फि र यूनियन कार्यालय का घेराव कर दिया। यूनियन महासचिव संजय कुमार झा, डिप्टी प्रेसिडेंट एचएम हीरामणी, रास बिहारी राय, नवीन कुमार, वीपी सिंह, डीके प्रजापति को घेर कर्मचारियों ने लंबित ग्रेड, सालाना बोनस नहीं दिलाने पर नाराजगी जताने लगे। लगभग दो घंटे तक कर्मियों का हुजूम यूनियन कार्यालय में जमा रहा।
पुराने कर्मियों का एक अप्रैल व नये का एक दिसंबर 2015 से लंबित है ग्रेड रिवीजन
टीआरफ कर्मचारियों के ग्रेड रिवीजन समझौता साल 2015 से लंबित है। नये कर्मचारियों का ग्रेड एक दिसंबर 2015 और पुराने कर्मचारियों का एक अप्रैल 2015 से ग्रेड रिवीजन लंबित है। समझौता नहीं होने से कर्मचारी पुराने वेतन पर कामकाज कर रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि बोनस के बजाए यूनियन ग्रेड रिवीजन पर बातचीत करे जबकि प्रबंधन घाटे का हवाला देकर वर्तमान में कोई समझौता के लिए तैयार नहीं दिख रही है। इससे पहले भी कर्मचारी कैंटीन बहिष्कार कर चुके हैं।
एक्ट से बोनस मिलने से होंगे कई कर्मी वंचित
प्रबंधन घाटे की बात कह कर कर्मियों को बोनस एक्ट के तहत 8.33 फीसद बोनस देने को तैयार है, जबकि यूनियन की मांग है कि कर्मचारियों को एक्ट के बजाए 8.33 फीसद बोनस (एक माह के वेतन के बराबर) राशि दिया जाए। बोनस एक्ट के तहत राशि भेजने से कंपनी के सौ से ज्यादा कर्मचारी इस साल भी सालाना बोनस पाने से वंचित रह सकते हैं। इन कर्मचारियों में पुराने ग्रेड के कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है जिनका बेसिक व डीए मिलाकर 21 हजार रुपये से ज्यादा है। प्रबंधन- यूनियन के बीच सहमति नहीं बनने से यूनियन ने बोनस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है।
प्रबंधन भेज सकता है बैंक में राशि
टीआरएफ कर्मचारियों के बोनस विवाद के बीच प्रबंधन एकतरफा निर्णय ले सकता है। बोनस पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में प्रबंधन बीते साल की अपेक्षा इस बार भी कर्मचारियों के बैंक खाते में बोनस राशि भेज सकती है। इस साल भी बोनस अधिनियम के तहत कर्मचारियों को 8.33 फीसद ही बोनस मिलेगा।