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कोरोना की वजह से कोल्हान को लगा 15 हजार करोड़ का झटका

पूर्वी सिंहूभम सरायकेला खरसावां व चाईबासा (कोल्हान) के व्यापारियों का त्योहार में होने वाले व्यापार को कोरोना ने तबाह कर दिया है। इन चार माह में कोल्हान के विभिन्न सेक्टरों के व्यापारियों को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 01:53 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:19 AM (IST)
कोरोना की वजह से कोल्हान को लगा 15 हजार करोड़ का झटका
कोरोना की वजह से कोल्हान को लगा 15 हजार करोड़ का झटका

गुरदीप राज, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहूभम, सरायकेला, खरसावां व चाईबासा (कोल्हान) के व्यापारियों का त्योहार में होने वाले व्यापार को कोरोना ने तबाह कर दिया है। इन चार माह में कोल्हान के विभिन्न सेक्टरों के व्यापारियों को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है। एक-दो को छोड़कर प्रत्येक सेक्टर के व्यापारियों ने कोरोना वायरस के कारण त्योहारों के दिनों में होने वाले अच्छे खासे व्यापार का मौका गंवा दिया। रियल स्टेट, सर्राफा, गार्मेंट, शादी , होटल, रेस्टोरेंट समेत तमाम कारोबार लॉकडाउन के दिनों में तबाह हो गया। अनलॉक में दुकानें खुली लेकिन ग्राहक बिल्कुल ही नहीं रहे।

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सर्राफा

इस वर्ष शादियों का सीजन कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया। साथ ही अक्षय तृतीय रक्षा बंधन आदि त्योहार भी फीेंके रहे। लोगों ने उतनी खरीदारी सराफा बाजार से नहीं की जितनी प्रत्येक वर्ष करते थे। छगनलाल ज्वेलर्स के पियूष अडेसरा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष शादियों के सीजन में दुल्हन के जेवरों के साथ दुल्हा व बरातियों तक के लिए सोना -चांदी खरीदा जाता था। इस बार शादियां बहुत कम हुई है। रक्षा बंधन में सोने -चांदी का राखियों की बिक्री होती थी लेकिन इस बार सोने की राखियां बिकी ही नहीं। चांदी की राखियों की मांग भी कम रही।

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इलेक्ट्रानिक्स

नेशनल इलेक्ट्रानिक्स के संचालक राजा सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 50 फीसद सेल इलेक्ट्रानिक्स आइटम के गिर गए है। एक तो पांच व्यक्ति से ज्यादा शो रूम में प्रवेश कि इजाजत नहीं थी। उपर से जब तक ग्राहक खुद अपने आंखों से सामान पसंद नहीं करेंगे वे खरीदते नहीं है। ऐसे में कुल मिलाकर कोरोना ने इलेक्टरानिक्स के व्यापार को इस बार बर्बाद कर दिया।

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मोबाइल

लैपटॉपसंक्रमण का असर मोबाइल फोन व लैपटॉप की बिक्री पर नहीं पड़ा। मोबइल दुकान के संचालक सन्नी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लोग अपने अपने घरों में बंद रहे। ऐसे में मोबाइल फोन मनोरंजन के साथ और अधिक आवश्यक हो गया। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी मोबाइल पर ही होने लगी। बड़ी संख्या में वर्क फ्राम होम विभिन्न कंपनियों ने कर्मचारियों को कर दिया। ऐसे में लैपटाप की मांग बढ़ी।

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होटल व रेस्टोरेंट

होटल व रेस्टोरेंट तो लॉकडाउन में बंद ही थे। शादियों के सीजन में होटल में बुकिग होती थी। लेकिन इस बार शादियों का सीजन पूरा फीका ही था। लोगों ने होटल की ओर रुख भी नहीं किया। रेस्टोरेंट के मालिक नीरज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान व्यापार तो तबाह हुआ ही है अनलॉक में सिर्फ होम डिलेवरी तक ही सीमित होकर व्यापार रह गया है। ऐसे में 50 फीसद कारोबार ठप हो गया है।

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रियल स्टेट

अक्षय तृतीय, रक्षा बंधन सहित अन्य त्योहारों में बड़ी संख्या में लोग अपना घर खरीदते थे। लेकिन इस बार पहले जैसी स्थिति नहीं रही। लॉकडाउन के कारण लोग खुद ही परेशान है। ऐसे में फ्लैट खरीदने में दिलचस्पी ही नहीं ली लोगों ने। कोरोनाकाल के कारण रियल स्टेट सेक्टर काफी प्रभावित हुआ है। आटोमोबाइल

अक्षय तृतीय व शादी सीजन में चार पहिया वाहनों की मांग बढ़ती थी। लेकिन कोरोना के कारण शो रुम तो बंद ही थे। शो रुम खुले भी तो महंगी कार की तरफ न जाकर सस्ती कारों की ओर रुख करने लगे। लॉकडाउन के कारण आटोमोबाइल का व्यापार प्रभावित हुआ।

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यह है कोल्हान के व्यापारियों का अनुमानित नुकसान

उद्योग जगत : 10,000 करोड़

होटल-रेस्टोरेंट : 700 करोड़

सराफा : 1000 करोड़ आटोमोबाइल :1000 करोड़

कपड़ा: 1100 करोड़ इलेक्ट्रानिक्स : 500 करोड़

मोबाइल,लैपटाप : 200 करोड़ बर्तन व होम एप्लांसेस : 200 करोड़

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कोरोना के कारण व्यापार के प्रत्येक सेक्टर में इसका प्रभाव पड़ा है। चार माह के लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। कोरोना व ल़ॉकडाउन ने उद्योग जगत को बर्बाद कर दिया।

- अशोक भालोटिया अध्यक्ष सिंहभूम चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री


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