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Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन में कोई फंसा ससुराल में तो कोई था पत्नी से अलग Jamshedpur News

Coronavirus Lockdown. टाटा-दानापुर हो या हावड़़ा बड़बिल जनशताब्दी दोनों ही ट्रेनों में सैकड़ों ऐसे यात्रियों ने सफर किया जो अपने माता-पिता भाई -बहन से ढाई माह से दूर थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 09:35 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:35 AM (IST)
Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन में कोई फंसा ससुराल में तो कोई था पत्नी से अलग Jamshedpur News
Coronavirus Lockdown : लॉकडाउन में कोई फंसा ससुराल में तो कोई था पत्नी से अलग Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। लॉकडाउन में किसी ने अपने ससुराल में खूब मस्ती की तो कोई पत्नी से अलग अपने घर में दिन काटने को मजबूर था। टाटा-दानापुर हो या हावड़़ा बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस दोनों ही ट्रेनों में सैकड़ों ऐसे यात्रियों ने सफर किया जो अपने माता-पिता, भाई बहन, पत्नी व पति से ढाई माह से अलग ही थे। ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से सबसे ज्यादा वे जोड़े खुश थे जो अपनी पत्नी या पति के पास जा रहे थे। 

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मैं मां से मिलने के लिए मायके कदमा आई थी। लॉकडाउन  के कारण मैं वापस नहीं लौट पाई। पति पुतुल करुवा को डांगवापोसी में खुद ही खाना बनाकर खाना पड़़ रहा है। लॉकडाउन ने तो परेशानी में डाल दिया था, लेकिन रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन शुरु किया तो पहली ट्रेन पकड़कर मैं अपने पति के पास जा रही है। मैं बहुत खुश हूं।

-सुकांति कुमारी यात्री

मैं 19 मार्च को पत्नी से मिलने के लिए टाटनगर आया था। लॉकडाउन में फंस गया। ससुराल में मजे से ढाई माह बीते अब पत्नी के साथ वापस बलिया जा रहा हूं। जहां से मुरादाबाद के लिए जाऊंगा।

-उमेश कुमार सिंह यात्री

मैं कोटा में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। लॉकडाउन में फंस गई थी। कोटा से बिहार के लिए कोई ट्रेन नहीं थी इस कारण  ट्रेन का परिचालन होने से टाटानगर अपने नानी के घर आ गई। अब टाटा-दानापुर का परिचालन होने से मैं अपने घर पटना जा रही हूं। 

- प्रिया कुमारी यात्री 

ट्रेन का परिचालन तो रेलवे ने शुरू किया, लेकिन शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए टिकटों का रिजर्वेशन होना चाहिए था लेकिन इसका ख्याल नहीं रखा गया। 

-रंजन भुइयां यात्री

सुबह पांच बजे से कतार में खड़े हैं। स्टेशन के बाहर तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखने को कहा जा रहा था, लेकिन ट्रेन के अंदर शारीरिक दूरी नाम की कोई चीज नजर नहीं आई। 

- राधा कृष्णन 


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