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Jharkhand Assembly Election 2019 : कोल्हान के चुनावी महाभारत में तुलसी के रामचरितमानस के पात्रों की भरमार

कोल्हान में पूरा रघुकुल का माहौल है! भाजपा से रघु-लक्ष्मण गणेश मेनका और साधु झामुमो से दशरथ आजसू से रामचन्द्र और निर्दलीय सरयू... और हां मेनका जी के पति विभीषण जी भी!

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 02:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 02:09 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  कोल्हान के चुनावी महाभारत में तुलसी के रामचरितमानस के पात्रों की भरमार
Jharkhand Assembly Election 2019 : कोल्हान के चुनावी महाभारत में तुलसी के रामचरितमानस के पात्रों की भरमार
जमशेदपुर, राजेश पाण्‍डेय। Jharkhand Assembly Election 201 चुनावी योद्धा एक-दूसरे पर वार तेज करते जा रहे हैं। कोल्हान प्रमंडल के सियासी सेनापतियों के रण कौशल से ‘धूल’ के गुबार उठने लगे हैं। इसमें खास यह है कि कोल्हान में चुनाव लड़ने वाले अधिकतर उम्मीदवारों के नाम किसी न किसी रूप से रामचरित मानस में आए हैं।
भाजपा से चुनावी मैदान में रघुवर दास हैं। मानस का मुख्य पात्र (हीरो) रघुवर हैं और सैकड़ों बार इस नाम का उल्लेख मानस में हुआ है। इसी तरह साइड हीरो लक्ष्मण हैं। कोल्हान की एक सीट से लक्ष्मण चुनाव लड़ रहे हैं। मेनका भी मानस की एक पात्र हैं और भाजपा से यहां पर जंग में उतरी हैं। इसके अलवा कोल्हान से अपनी किस्मत अजमा रहे साधु, दशरथ, रामचंद्र, गणोश आदि का नाम बार-बार मानस में आया है। मेनका के पति विभीषण भी उनके चुनाव प्रचार में लगे हैं और विभीषण मानस के प्रमुख पात्र हैं। शंकर की स्तुति से मानस का प्रारंभ है और यहां से शंकर प्रत्याशी हैं।
जो शब्‍द बार-बार आया
जो शब्द रामचरित मानस में बार-बार आया है, उस नाम के कई उम्मीदवार अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। ये हैं-अभय, गौरव, विश्वकर्मा, आनंद, इन्द्र, इंद्रजीत, ऋषि, गोपाल, रंजन, विजय, सरयू, सागर, पंकज, महेश, शंभू, आकाश, अरूण, नरेश, संजय, मोहन, विशाल, समीर, कृष्णा, अजय, आनंद व बहादुर आदि।
बजरंगबली की कमी खली
कोल्हान के सियासी अखाड़े में जिस नाम की कमी खली वह बजरंगबली से जुड़ा है। इस नाम से कोई उम्मीदवार अपना नाम निर्देशन नहीं किया है।
भगवान के दरबार में लगा रहे हाजिरी
चुनावी जीतने के लिए पूजा-पाठ का दौर चल रहा है। कोई घर में पूजा कर जन-जागरण को निकल रहा तो कोई मंदिर-मंदिर घूमकर घंटी और शंख बजा रहा है। शहर के प्रमुख मंदिरों में इन दिनों नेताओं की आवाजाही बढ़ गई है। एक पंथ दो काज के अंदाज में भगवान की पूजा-अर्चना भी हो जाती है और लोगों से मेलजोल भी। उधर, नेताओं के दौरों से फूल की बिक्री भी बढ़ गई है। अभी चुनाव का आरंभिक चरण है, लिहाजा टिकट मिलने की खुशी व जीतने की आस में प्रसाद वितरण का ध्यान रखा जा रहा है।
हे राम! जुगसलाई का कौन असली राम
लड़ रहे राम। लड़ा रहे राम। एक नहीं तीन-तीन राम। हे राम! भाजपा के राम। जेएमएम के राम। आजसू के राम। जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में जनता कह रही है राम-राम। कौन असली राम? भाजपा वाला मुचीराम बाउरी, झामुमो वाला मंगल राम कालिंदी या आजसू वाला रामचंद्र सहिस। सियासी तासीर गरमाने के साथ ही उम्मीदवारों के नामों की चर्चा तेज होने लगी है। क्षेत्र के लोग कह रहे हैं कि इन्हीं तीनों राम के बीच ‘युद्ध’ होगा। एक व्यक्ति ने बगैर किसी राजनीतिक दल के नाम लिए कहा, राम की मर्यादा को आचरण में लाना जरूरी है। राम तो करुणानिधि हैं। जुगसलाई का जो राम ‘शबरी’ के जूठे बेर खाया होगा, वही राम मर्यादा पुरुषोत्तम होगा। उसी के सिर पर ताज होगा। कुछ ही दिनों की बात है, असली राम क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधि होगा।
 

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