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रांची के ध्यानार्थ : सूबे से बाहर किए जाएं बांग्लादेशी-रो¨हग्या

जासं, जमशेदपुर : भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व चुनाव प्रबंधन विभाग झारखंड के संयोजक

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 06:23 PM (IST)
रांची के ध्यानार्थ : सूबे से बाहर किए जाएं बांग्लादेशी-रो¨हग्या
रांची के ध्यानार्थ : सूबे से बाहर किए जाएं बांग्लादेशी-रो¨हग्या

जासं, जमशेदपुर : भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व चुनाव प्रबंधन विभाग झारखंड के संयोजक मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखा है, जिसमें सूबे से बांग्लादेशियों व रो¨हग्या मुसलमानों को बाहर करने का आग्रह किया गया है।

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सिंह ने लिखा है कि इस राज्य का निर्माण 15 नवंबर, 2000 को हुआ था। इसका उद्देश्य यहा के लोगों की परंपरा, संस्कृति व विशिष्टताओं को संरक्षित व संवर्धित करना था। 1951 की धार्मिक गणना के अनुसार राज्य में ¨हदू 87.79, मुस्लिम 8.09 व ईसाई 4.12 प्रतिशत थे। 2011 में हुई गणना के अनुसार मुस्लिम की आबादी 14.53 प्रतिशत हो गई। इससे स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। 1971 की जनगणना में भी मुस्लिम आबादी 10.38 प्रतिशत थी, जो 2011 में 14.53 प्रतिशत हो गई है। स्पष्ट रूप से इस आबादी में एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेशियों का है। संथाल परगना में 1951 में 9.44 प्रतिशत व 1971 में 14.62 प्रतिशत थी, जो 2011 में बढ़कर 22.73 प्रतिशत हो गई है। संथाल परगना के दुमका जिला छोड़ शेष सभी जिलों में मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है जबकि साहेबगंज और पाकुड़ में लगभग 35 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी प्रकार राची प्रमंडल में भी 1951 में केवल 5.32 प्रतिशत तथा 1971 में 7.27 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या थी, जो 2011 में बढ़कर 10.58 हो गई है।

उपरोक्त आकड़ों के आलोक में हम कह सकते हैं कि राज्य में 1951 के आधार पर लगभग 6.44 प्रतिशत और 1971 के आधार पर 4.15 प्रतिशत मुस्लिम आबादी बढ़ी है। 1971 के बाद जो मुस्लिम आबादी बढ़ी है वह बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हुई है। ये घुसपैठिये आधार कार्ड सहित विभिन्न प्रकार के पहचान पत्र बनाकर झारखंड के लोगों के रोजगार और संसाधन पर धीरे-धीरे कब्जा जमाते जा रहे हैं। राज्य की सुरक्षा व राज्य में निवास करनेवाले नागरिकों के हक को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक हो गया है कि राज्य में नागरिक पंजी बने। इसके आधार पर जो भी देश में घुसपैठिये हैं, उन्हें चिह्नित कर देश से बाहर किया जाए। अपुष्ट खबरों के अनुसार राज्य में कुछ रोहिंग्या मुसलमान भी म्यामार से बांग्लादेश के रास्ते झारखंड पहुंचे हैं। इनकी भी पहचान आवश्यक है। हालाकि केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में राज्य सरकारों को रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान और एक स्थान पर केंद्रित करने संबंधी निर्देश भी जारी किया है। झारखंड में रहनेवाले देश के नागरिकों के हितों एवं राज्य तथा देश के आतरिक और बाह्य सुरक्षा के मद्देनजर राज्य में नागरिक पंजी का निर्माण आवश्यक प्रतीत होता है। अत: मुख्यमंत्री से आग्रह है कि अविलंब नागरिक पंजी का निर्माण कर राज्य में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों की पहचान की जाए तथा उन्हें वापस भेजने की विधि सम्मत कार्रवाई की जाए।


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