फूड प्वायजनिंग के शिकार डायरिया पीडि़तों से अटा पड़ा मनोहरपुर सीएचसी, हाल जानने पहुंची मंत्री जोबा माझी Jamshedpur News
शादी समारोह में भोजन के बाद फूड प्वायजनिंग के शिकार लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का क्रम जारी रहा। सुबह मंत्री जोबा माझी ने मनोहरपुर अस्पताल पहुंचकर पीडि़तों का हाल लिया।
मनोहरपुर / जमशेदपुर (जेएनएन)।कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर अनुमंडल के मनोहरपुर में शादी समारोह में भोजन के बाद फूड प्वायजनिंग के शिकार लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का क्रम जारी है। रविवार तक फूड प्वायजनिंग से पीड़ित डायरिया के मरीजों अस्पताल आना जारी रहा और 36 से बढ़ कर मरीजों संख्या 45 पहुंच गयी है। सोमवार की सुबह मंत्री जोबा माझी ने मनोहरपुर अस्पताल पहुंचकर पीडि़तों का हाल लिया और अस्पताल प्रशासन को समुचित इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
रविवार की रात तक डायरिया पीड़ित मरीजों का अस्पताल आना जारी रहा। इनमे एक महिला मरीज की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। एक मरीज 15 वर्षीय सुशाना किसपोटाका बीते शनिवार को ही ग़ांव में ही मौत हो गयी थी। सोमवार को मंत्री जोबा माझी आनंदपुर बीडीओ शीलेन्द्र रजक व मनोहरपुर बीडीओ जितेंद्र पांडे ने मनोहरपुर अस्पताल पहुच पीड़ित मरीजों का हालचाल जाना। जोबा माझी ने मरीजों को खानपान में सावधानी बरतने। मांसाहारी आहार से परहेज करने की सलाह दी।
डॉ नरेंद्र सम्बरूई व स्वास्थ्य कर्मिंयों को मरीजों के इलाज व साफसफाई को लेकर निर्देश दिए। आनंदपुर थाना क्षेत्र के झारबेडा पंचायत का तिलिंदीरी ग़ांव में शादी के समारोह में खाना खाने से दर्जनों ग्रामीण की हालत बिगड़ी थी। शनिवार की देर शाम से डायरिया पीड़ित मरीजों का एम्बुलेंस के सहारे मनोहरपुर सीएचसी लाया जा रहा था।मौके पर आनंदपुर झारबेड़ा पंचायत मुखिया दिवलर खाखा, इंस्पेक्टर खुर्शीद आलम,थाना प्रभारी प्रदीप मिंज आदि मौजूद थे।
शादी समारोह में भोजन के बाद लोग पड़ने लगे बीमार
आनंदपुर प्रखंड के झारबेड़ा पंचायत के पहाड़ों से घिरे तिलिंगदिरी गांव में शादी समारोह में भोजन करने के बाद लोग बीमार पड़ने लगे। एक बच्ची की जान चली गई, जबकि चार दर्जन लोगों को लगातार दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले तो लोगों ने इसे अंधविश्वास के कारण भूत प्रेत का प्रकोप मानकर झाड़फूंक शुरू कर दी। बाद में स्थिति काबू से बाहर होते देख अस्पताल की शरण ली।
शादी समारोह के तीसरे दिन रविवार को गांव पूरी तरह से सन्नाटे में सिमटा रहा। सुबह गांव में मेडिकल टीम के पहुंचते ही बच्चे, युवतियां, बुजुर्गं, महिलाएं एवं जवान दौड़ते-फांदते कैंप के पास पहुंचे और एएनएम से दस्त, सिरदर्द, उल्टी एवं बदन दर्द की दवा मांगने लगे। उनके चेेहरे पर शनिवार रात गांव में गुजरी भयवाह रात का असर साफ दिख रहा था। लोग शुक्रवार को शादी भोज से वापस लौटने के बाद शनिवार सुबह से ही उनका हाल बिगाड़ देनेवाला वाला वाकया सुना रहे थे।
इधर मेडिकल कैंप में एएनएम उषा रानी बोदरा, शोभा कुजूर, बेलमति सुंडी, सुनधा महतो, सुमिता महतो, एमरेसिया केरकेट्टा, एमपीडब्ल्यू रामचनु मुदी, दुलीचंद महतो ने लगभग 200 लोगों की जांच कर दवा का वितरण किया। जिस घर में शादी समारोह का आयोजन था, उसके घर के खुदपोस की रानी पहली शिकार बनी। बताया जाता है कि शादी भोज के दूसरे दिन शनिवार सुबह को खुदपोस निवासी रानी कुमारी को सबसे पहले दस्त एंव उल्टियां शुरू हुई थी। उसके बाद एक-एक कर लोग बीमार पड़ने लगे।