एमटीसी केंद्र में बच्चों का दूर होगा कुपोषण, बढ़ेगा माताओं का एजुकेशन
एमटीसी केंद्र में बच्चों का दूर होगा कुपोषण माताओं का बढ़ेगा एजुकेशन। यह व्यवस्था पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में देखने को मिलेगा। यहां के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती होने वाले शिशुओं का उपचार तो होगा ही इसके अलावे उनके संग बच्चों की माता को भी साक्षर बनाया जाएगा।
मंतोष मंडल, घाटशिला : एमटीसी केंद्र में बच्चों का दूर होगा कुपोषण, माताओं का बढ़ेगा एजुकेशन। यह व्यवस्था पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में देखने को मिलेगा। यहां के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती होने वाले शिशुओं का उपचार तो होगा ही, इसके अलावे उनके संग बच्चों की माता को भी साक्षर बनाया जाएगा। कुपोषण उपचार केंद्र में बच्चों को 14 दिन से लेकर एक माह तक रखा जाता है। जहां बच्चों का ईलाज होता है। उनके संग बच्चों की माताएं भी केंद्र में रहती है। ताकि छोटे बच्चे खुद को अकेले न महसूस करें। ईलाज के दरमियान माताएं सिर्फ खाली बैठी रहती है। बच्चों की देखभाल की सारी जिम्मेदारी कुपोषण उपचार केंद्र के चिकित्सक व नर्से करती है। ऐसे में घाटशिला अनुमंडल अस्पताल ने एक अनोखी पहल करते हुए कुपोषण उपचार केंद्र में ही बच्चों की मां को साक्षर बनाने की एक मुहिम शुरू की। इसके तहत वैसे माताएं जो बिल्कुल भी साक्षर नहीं है। उन्हें बच्चों के ईलाज के समयावधि में हल्का साक्षर ज्ञान दिया जाएगा। उन्हें कम से कम हस्ताक्षर करना तो जरूर सिखाया जाए। ताकि वह कहीं भी अंगूठा लगाने की जगह स्वयं से हस्ताक्षर कर सके। अपने बच्चों को भी भविष्य में साक्षर बनाने की दिशा में एक सोच रख सके। इस अनूठी मुहिम की शुरुआत रविवार से की गई। इसके लिए माताओं को स्लेट बोर्ड दिया गया। जिसमें वे अक्षर ज्ञान प्राप्त कर सके। विधायक रामदास सोरेन व सिविल सर्जन डॉ एके लाल ने इसका शुभारंभ किया। अनुमंडल अस्पताल ने इस पहल की शुरुआत कर एक नई दिशा दिखाने का काम किया है। अनुमंडल अस्पताल देश की साक्षरता दर को बढाने में अनूठा प्रयास कर रहा है। -------------------------------------------- यह नई कोशिश है कि कुपोषण उपचार केंद्र में बच्चों के माताओं को साक्षर बनाया जाए। अनुमंडल अस्पताल की यह सोच वाकई सराहनीय है। इससे शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। जब शिक्षित बनेंगे तो स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होंगे। एक महिला अगर शिक्षित होगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा। हमारी कोशिश है महिलाएं शिक्षा के प्रति जागरूक होकर अपने बच्चों को भी शिक्षित करने का संकल्प ले। डॉ एके लाल, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम।