इमामबारगाह में निकले 18 बनी हाशिम के ताबूत Jamshedpur News
मानगो के जाकिर नगर स्थित इमामबारगाह हजरत अबूतालिब अ. में रविवार को मजलिस के बाद कर्बला में शहीद हुए 18 बनी हाशिम के ताबूत निकले।
जमशेदपुर (जासं)। मानगो के जाकिर नगर स्थित इमामबारगाह हजरत अबूतालिब अ. में रविवार को मजलिस के बाद कर्बला में शहीद हुए 18 बनी हाशिम के ताबूत निकले। मजलिस में नौहाखानी और सीनाजनी रांची के ¨हदपीढ़ी से आई अंजुमन ने की।
अंजुमन के साहबे बयाज अली रजा के नौहे सुन कर अजादार जारो कतार रोए। अली रजा ने नौहा पढ़ा- जो करबोबला में मेरी नुसरत के लिए थे, अब्बास के वो हाथ कलम हो गए बाबा। जब हाथ कलम हो गए अब्बास जरी के, नौहा हुसैन करते हुए दश्त में पहुंचे। शाकिर ने पढ़ा- लाशे बेसर से लिपट कर ये सकीना ने कहा, हमको तुम छोड़ गए किसके सहारे बाबा। जीशान व रेहान ने नौहा पढ़ा- फुफी बताओ ये किसका लाशा है। मुसब ने पढ़ा- शहे कर्बला हम तेरी तश्नगी पे रोएं।
इसके पहले सुबह 10 बजे मजलिस की शुरुआत हुई। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जुल्फेकार हैदर जैदी ने कर्बला का वाकया पढ़ा तो अजादार खूब रोए। मौलाना ने पैगंबर-ए-अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स. के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का वाकया बयान किया। मजलिस के बाद अजादारों ने जमात से नमाज पढ़ी। नमाज पेश इमाम मौलाना सैयद मोहम्मद हसन ने पढ़ाई। नमाज के बाद सगीर हुसैन ने तकरीर की और एक-एक कर शबीह-ए-ताबूत बरामद हुए।
अजादारों ने शबीहों का बोसा लिया। हजरत अली अकबर, हजरत कासिम, हजरत औन व मोहम्मद, हजरत अली असगर, इमाम हुसैन आदि शहीदों के शबीह-ए-ताबूत निकले। हजरत अब्बास का अलम निकाला गया। नौहाखानी और सीनाजनी के बाद मजलिस खत्म हुई। मजलिस में एसआर रिजवी उर्फ छब्बन, अख्तर हसन, मुनीर हुसैन, प्रोफेसर आले अली, प्रोफेसर जकी अख्तर, इनाम अब्बास, जावेद, अफसर हसनैन आदि थे।