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Lok Sabha Election 2019 : फैक्टर फंडा : जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में महतो मतों का दबदबा

LOk Sabha Election 2019. जमशेदपुर संसदीय सीट पर महतो (कुड़मी) मतों का दबदबा है। 1989 से 2014 तक 10 लोकसभा चुनावों में सात महतो उम्मीदवार जीत का परचम लहरा चुके हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 02:41 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 08:34 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : फैक्टर फंडा : जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में महतो मतों का दबदबा
Lok Sabha Election 2019 : फैक्टर फंडा : जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र में महतो मतों का दबदबा

जमशेदपुर [मुजतबा हैदर रिजवी]। जमशेदपुर संसदीय सीट पर महतो (कुड़मी) मतों का दबदबा है। 1989 के लोकसभा चुनाव से 2014 तक 10 लोकसभा चुनावों में सात महतो उम्मीदवार जीत का परचम लहरा चुके हैं। महतो मतों की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बड़ी पार्टियां महतो उम्मीदवार पर ही दांव लगाने जा रही हैं। भाजपा से वर्तमान सांसद विद्युतवरण महतो तो हैं ही। महागठबंधन से भी विद्युत के सामने महतो उम्मीदवार लाने की कसरत चल रही है।

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जमशेदपुर में 16 लाख 70 हजार 371 मतदाताओं में एक बड़ी तादाद महतो वोटरों की है। ये महतो मतदाता बड़ी पार्टी के वोट बैंक से जुड़कर जीत की इबारत लिखते रहे हैं। राजनीतिक दलों के आंकड़ों पर भरोसा करें तो जमशेदपुर संसदीय सीट पर तीन लाख 50 हजार महतो वोटर हैं। ये महतो वोट किसी भी उम्मीदवार की नैया पार लगाने की कूवत रखते हैं। जमशेदपुर संसदीय सीट पर महतो मतों का दबदबा 1989 के लोकसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की इंट्री से शुरू हुआ। झामुमो ने महतो मतों की ताकत को पहचाना और शैलेंद्र महतो को उम्मीदवार बनाया। शैलेंद्र ने झामुमो की उम्मीद पूरी करते हुए एक लाख 40 हजार छह मत बटोर कर जीत का झंडा बुलंद कर दिया। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चंदन बागची को हराया था।

नीतिश भारद्वाज से हारे थे शैलेंद्र

1991 के चुनाव में शैलेंद्र महतो ने भाजपा के अमरेंद्र सिंह को 56247 मतों से पटखनी दी। लेकिन, 1996 के लोकसभा चुनाव में शैलेंद्र महतो भाजपा के नीतिश भारद्वाज से हार गए थे। 1998 और 1999 में शैलेंद्र की पत्नी आभा महतो भाजपा से और फिर 2004 में झामुमो के सुनील महतो व 2007 के उप चुनाव में उनकी पत्नी सुमन महतो सांसद बनीं।

जब टूटा था महतो मिथक

1996, 2009 व 2011 के लोकसभा चुनाव महतो मिथक तोड़ कर अपवाद बने। 2009 में भाजपा के अजरुन मुंडा ने अपनी कुशल राजनीतिक रणनीति की बदौलत जीत दर्ज की थी। 2011 के उपचुनाव में भाजपा से दिनेशानंद गोस्वामी और झाविमो से डा. अजय थे। जमशेदपुर के पूर्व एसपी होने की वजह से डा. अजय ये चुनाव जीत गए। 2014 के चुनाव में लग रहा था कि अपने ग्लैमर के बूते झाविमो के डा. अजय फिर मैदान मार ले जाएंगे। लेकिन, भाजपा ने फिर महतो दांव खेला और झामुमो विधायक विद्युतवरण महतो को उम्मीदवार बना कर बाजी पलट दी।

कृष्ण ने रोका था विजयी रथ

1989 के बाद 1996 में महतो का विजयी रथ रोका गया। इस बार शैलेंद्र महतो के सामने भाजपा ने महाभारत सीरियल के कृष्ण भारद्वाज नीतीश जनार्दन को उतारा। नीतीश 2.21 लाख मतों से जीते।

1989 से 2014 तक कब कौन बना सांसद

1989-शैलेंद्र महतो

1991-शैलेंद्र महतो

1996-नीतीश भारद्वाज

1998-आभा महतो

1999-आभा महतो

2004-सुनील महतो

2007-सुमन महतो

2009-अजरुन मुंडा

2011-अजय कुमार

2014-विद्युतवरण महतो

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