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33 शिक्षकों-कर्मचारियों ने 60 लाख उड़ाए, फर्जी बिल देकर लिया भुगतान

आदित्यपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी (एनआइटी) जमशेदपुर में लीव ट्रैवेल कंसेशन (एलटीसी) का घोटाला सामने आया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 10:26 AM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 01:32 PM (IST)
33 शिक्षकों-कर्मचारियों ने 60 लाख उड़ाए, फर्जी बिल देकर लिया भुगतान
33 शिक्षकों-कर्मचारियों ने 60 लाख उड़ाए, फर्जी बिल देकर लिया भुगतान

जमशेदपुर (विकास श्रीवास्तव)। निर्धारित अवधि पर अधिकारियों-कर्मचारियों को घूमने-फिरने के लिए दी जानेवाली सुविधा भी अनियमितताओं की भेंट चढ़ रही है। आदित्यपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी (एनआइटी) जमशेदपुर में लीव ट्रैवेल कंसेशन (एलटीसी) का  घोटाला सामने आया है। कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट के आधार पर अब संबंधित शिक्षकों से राशि की वसूली की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद संबंधित शिक्षकों से राशि वसूली संबधी नोटिस जारी कर दिया गया है। 

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विभिन्न टूर एजेंसियों से कराए थे एयर टिकट

एलटीसी के नाम पर एनआइटी जमशेदपुर के 33 शिक्षकों ने 59,56, 570 रुपये का भुगतान भी प्राप्त कर लिया। सीएजी की रिपोर्ट में इसे गलत तरीके से अधिक भुगतान माना गया। एनआइटी की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में सीएजी की रिपोर्ट को अप्रूव कर संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी कर अधिक राशि को जमा करने को कहा गया है।

इन एजेंसियों से कराए गए एयर टिकट : इस्टर्न ट्रैवेल्स बिष्टुपुर, ग्लोब फॉरेक्स एंड ट्रैवेल्स बिष्टुपुर, प्रशांत इंटरप्राइजेज, राज होलीडे साकची, टीसी ट्रैवेल्स एंड सर्विसेज मुंबई, गोलछा टूअर्स एंड ट्रैवेल बिष्टुपुर, स्काई फ्रैंड सर्विसेज बिष्टुपुर। 

सेवानिवृत्त प्रोफेसर से लेकर प्यून तक शामिल

जिन लोगों ने एलटीसी के नाम पर अनियमित तरीकों से या ज्यादा रकम का भुगतान ले लिया उनमें सेवानिवृत्त प्रोफेसर, पूर्व इंजीनियर से लेकर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, कार्यालय सहायक व प्यून तक शामिल हैं। सबसे ज्यादा प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर हैं। इनकी संख्या करीब दो दर्जन है। इनके अलावा दो कार्यालय सहायक, एक सहायक, एक प्यून व एक ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) भी शामिल हैं।

दस समान किस्तों में जमा करनी होगी रकम

गलत तरीके से भुगतान प्राप्त करनेवाले शिक्षकों को राशि का भुगतान दस समान किस्तों में करना होगा। एनआइटी के रजिस्ट्रार एमके अग्रवाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी करते हुए आदेश की प्रति संस्थान के निदेशक, असिस्टेंट रजिस्ट्रार को भी भेजी गई है।

किसने कितना लिया भुगतान

1. प्रो. अनिल कुमार : 1,12,938

2. डॉ. राज वल्लभ : 2,86,504

3. प्रो. राजीव रंजन : 2,66,585

4. डॉ. एसके सहाय : 2,75,057

5. डॉ. वाईपी यादव : 85,537

6. प्रो. एके मेहता : 1,92,000

7. डॉ. एमके सिन्हा : 2,86,504

8. डॉ. बीके प्रसाद : 2,92,435

9. डॉ. संजय कुमार : 2,08,000

10. डॉ. एके चौधरी : 2,81,217

11. डॉ. वीरेंद्र कुमार : 2,19,428

12. प्रो. एसके पासवान : 1,45,702

13. प्रो. एमके पासवान : 1,95,695

14. डॉ. मलय नीरज : 2,61,101

15. अमित प्रकाश :  2,73,316

16. सुधांशु शेखर : 96,641

17. अशोक कुमार : 1,93,276

18. डॉ. एसबीएल सक्सेना : 88,718

19. डॉ. एएन ठाकुर : 1,66,671

20. अशोक कुमार : 1,80,104

21. डॉ. शैलेंद्र कुमार : 87,399

22. डॉ. रामायण सिंह : 72,300

23. मनबोध कुमार दास : 36,000

24. डॉ. धर्मेंद्र पटेल : 1,20,384

25. डॉ. संजय : 1,69,044

26. संजय कुमार : 4,49,040

27. अनिल कुमार : 1,74,192

28. टीके कार : 1,74,192

29. डॉ. एमके पासवान : 1,76,711

30. यूके बनर्जी : 27,341

31. डॉ. सईद अजमत हुसैन : 1,52,838

32.डॉ. दिलीप कुमार शॉ : 2,00,958

33. डॉ. एके सिन्हा : 1,66,199

कुल               59,65,570

नियमों की जानकारी नहीं रहने से समस्या

यह एनआइटी का आंतरिक मामला है। नियमो की जानकारी नहीं होने से भी कई बार समस्या हो जाती है। इस बारे में मैं कुछ ज्यादा नहीं बता सकता।

- एमके अग्रवाल, रजिस्ट्रार एनआइटी जमशेदपुर 


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