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गीत, संगीत व फिल्म का हब बन रही लौहनगरी, कलाकारों को मिल रहा बड़ा मंच

फिल्म के क्षेत्र में जमशेदपुर तेजी से आगे बढ़ रही है। हाल के दिनों में शहर में एक दर्जन से अधिक स्टूडियो खुले हैं। वहीं हर माह 200 से अधिक गीत संगीत व फिल्म की शूटिंग हो रही है। शहर के कलाकारों को अब बड़ा मंच मिल रहा है।

By JagranEdited By: Uttamnath PathakPublished: Mon, 26 Sep 2022 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:49 PM (IST)
गीत, संगीत व फिल्म का हब बन रही लौहनगरी, कलाकारों को मिल रहा बड़ा मंच
इस खबर को प्रदर्शित करने के लिए यह प्रतीकात्मक तस्वीर।

अमित तिवारी, जमशेदपुर : लौहनगरी की पहचान अब गीत, संगीत व फिल्म के क्षेत्र में भी होने लगी है। डिजिटल युग में यहां के कलाकारों को बड़ा-बड़ा मंच मिल रहा है। कुछ माह पूर्व ही शहर में रिकार्डिंग हुई च्हर-हर शंभूज् गीत कई अच्छे-अच्छे गीतों का रिकार्ड तोड़ दिया। इसी तरह, छोटी-बड़ी फिल्मों की शूटिंग भी हो रही है। अभी 25 सितंबर को फिल्म च्मिस्ट्री ए ट्रूथज् रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में शहर की पूजा सिंह लीड रोल में है। इस तरह से हर माह शहर में लगभग 200 से अधिक गीत, संगीत व फिल्मों की शूटिंग हो रही है। वहीं, अच्छी बात यह भी है कि शहर की प्रतिभा से प्रभावित होकर न सिर्फ झारखंड बल्कि देश के

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विभिन्न राज्यों से भी कलाकार संपर्क कर रहे हैं। हर-हर शंभू की गायिका ओडिशा की रहने वाली है। इससे साबित होता है कि जमशेदपुर की प्रतिभा अब निखरने लगी है।

अब दिल्ली-मुबंई जाने की जरूरत नहीं

पहले गीत, संगीत व फिल्म की शूटिंग के लिए दिल्ली-मुंबई जाना होता था लेकिन अब वह गुजरे दिनों की बात हो गई है। अब शहर में ही सबकुछ संभव हो रहा है। जो गीत मुंबई में 30 हजार रुपये में तैयार होती है वह गीत शहर में 8 से 10 हजार रुपये में बन रही है। ऐसे में कलाकारों को पैसा का भी बचत हो रही है। बीते कुछ

वर्षों की बात करें तो शहर में एक दर्जन से अधिक स्टूडियो खुले हैं। इन स्टूडियो में न सिर्फ गीत रिकार्डिंग हो रही है बल्कि संगीत भी तैयार किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट मीडिया के रूप में यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर जैसे माध्यम कलाकारों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अगर आपने प्रतिभा है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे-बैठे हजारों, लाखों व करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। न तो किसी की मदद की जरूरत है और न ही पैरवी की। बल्कि आपके सामने पूरी दुनिया खड़ी है। बस, जरूरत है अपनी प्रतिभा दिखाने की।

कोट ::

पहले म्यूजिक कंपनी पर निर्भर था कि वह किसे स्टूडियो में गाने का मौका देगी। इस दौरान प्रतिभावान कलाकारों को उचित मंच नहीं मिलता था। लेकिन, अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों की आवाज रातों-रात देशभर में छा जा रही है। जिसके पास प्रतिभा है उसे एक नई पहचान मिल रही है। जमशेदपुर में म्यूजिक का कारोबार तेजी से बढ़ा है।

- चिंटू, अंजली स्टूडियो, बिरसानगर।

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म्यूजिक का शौक है। इसी क्षेत्र में कैरियर भी बनाना था। इसे लेकर पहले मुंबई जाने को सोचा लेकिन फिर दिमाग में आया कि जब हमारे पास विकल्प खुले हैं तो फिर वहां क्यूं जाऊं। जमशेदपुर में ही स्टूडियो खोला और अब देशभर से लोग आ रहे हैं। हाल ही में रिकार्डिंग हुई हर-हर शंभू देशभर में एक अलग पहचान दिलाई।

- आकाश देव, एडी स्टूडियो, बिरसानगर

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फिल्म व संगीत के क्षेत्र में पहले कैरियर बनाने के लिए मुंबई व दिल्ली जाए बिना संभव नहीं था लेकिन अब ऐसा नहीं है। जमशेदपुर में कलाकारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ये कलाकार हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मैं भी स्टूडियो खोला हूं और काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। मेरे यहां फेमस गीत मुलाकातों की यादें की रिकार्डिंग हुई है।

- दीपांजन राय, दीप्ति स्टूडियो, कदमा

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पहले हमारे पास उतना संसाधन मौजूद नहीं थे, जिसके कारण लोग मुंबई, दिल्ली जाकर संघर्ष करते थे। इसके बाद भी अधिकांश लोग अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते थे लेकिन अब हमारे पास एक बड़ा मंच मौजूद है जिसका नाम इंटरनेट मीडिया है। इसके जरिए आप अपनी प्रतिभा दिखाकर देशभर में छा सकते हैं। किसी सोर्स-पैरवी की जरूरत नहीं है।

- युवराज अनुभव, अरिहंत स्टूडियो, बागुनहातू

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हमारा शहर तेजी से गीत, संगीत व फिल्म के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। स्थानीय कलाकारों को एक अच्छा मंच मिल रहा है। काफी कम समय में मैं 250 से अधिक गीतों का रिकार्डिंग कर चुका हूं। मेरे यहां फेमस गीत च्तेरे ख्यालों वीचज् की रिकार्डिंग हुई है। शहर के युवाओं में काफी प्रतिभा है जो अब सामने आ रही है।

- गुरप्रीत साज, सिंह म्यूजिक स्टूडियो, सोनारी

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मेरी फिल्म च्मिस्ट्री ए ट्रूथज् 25 सितंबर को रिलीज हो रही है। इस फिल्म की शूटिंग जमशेदपुर सहित विभिन्न जिलों में हुई है। शहर में अब फिल्म बन रही है जिससे कलाकारों को उचित मंच मिल रहा है। अगर, शहर में फिल्म नहीं बनती तो मेरे लिए मुंबई-दिल्ली जाकर फिल्म में काम करना असंभव था। जमशेदपुर में कालाकारों की कमी नहीं है।

- पूजा सिंह, अभिनेत्री।

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मैं बचपन से ही गायक बनना चाहता था लेकिन मेरे पास उतने विकल्प मौजूद नहीं थे। अब शहर में सारे विकल्प मौजूद हैं। मैं अभी तक दस से अधिक गीत गा चुका हूं। अब शहर में सारे विकल्प मौजूद हैं। मैं अभी तक दस से अधिक गीत गा चुका हूं। रतन टाटा पर भी मैं गीत गाया हूं, जिसे देशभर में काफी पसंद किया गया था।

- अजीत अमन, गायक।

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शहर में अब न तो स्टूडियो की कमी है और न ही म्यूजिक बनाने वालों की। यहां तक की फिल्म भी बनने लगी है। गीत, संगीत, फिल्म सबकुछ जमशेदपुर में बन रही है। मैं भी स्टूडियो में जाकर दुर्गा मां की गीत रिकार्डिंग कराया हूं। उम्मीद है कि इसे देशभर में पसंद की जाएगी।

- आलिविया सिंह, गायिका

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यूट्यूब पर मैंने सिंह प्रोडक्शन हाउस बनाया हूं। इसके जरिए यहां के कलाकारों को मौका दिया जा रहा है। पहले लोगों के मन में बैठा हुआ था कि फिल्म बनाना है तो मुंबई जाना होगा। अभिनेत्री बनना है तो मुंबई जाना होगा लेकिन अब वह बात नहीं है। जमशेदपुर में भी एक से बढ़कर एक गीत व फिल्म तैयार हो रही है।

- शिव पूजन सिंह, सिंह प्रोडक्शन हाउस, संचालक।

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काफी अच्छा लग रहा है कि हमारा शहर अब गीत, संगीत व फिल्म के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। बाहर के कलाकार भी यहां आकर गीत रिकार्डिंग कराने से लेकर फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। स्थानीय कलाकारों को अब पहली पहचान विकसित करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। इस क्षेत्र में जमशेदपुर काफी विकसित हो चुका है।

- अनिल सिंह, गायक।

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