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Lockdown: आंशिक लॉकडाउन का जादूगोड़ा रंकिनी मंदिर पर पड़ा जबर्दस्त असर, कपाट खुले, भक्त नदारद

Lockdown impact on Mandir लॉकडाउन से पूर्व मंदिर में जहां डेढ़ सौ से ढाई सौ भक्तजन आते थे वही अब भूले - भटके 10 लोग ही आ रहे हैं एवं मां रंकिनी का दर्शन कर वापस लौट जाते हैं। मंदिर की कमाई पूरी तरह ठप पड़ गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 07:14 PM (IST)
Lockdown: आंशिक लॉकडाउन का जादूगोड़ा रंकिनी मंदिर पर पड़ा जबर्दस्त असर, कपाट खुले, भक्त नदारद
जादूगोडा रंकिनी मंदिर में भक्तों के इंतजार में बैठे पुजारी अनिल सिंह।

पोटका (पूर्वी सिंहभूम), जेएनएन। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए झारखंड सरकार की ओर से चलाए जा रहे आंशिक लॉकडाउन के तहत 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का सबसे ज्यादा असर मंदिरों पर पड़ा है। मंदिरों में लोग नहीं पहुंच रहे।

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स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के पांचवें दिन भी जादूगोड़ा की झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जादूगोडा स्थित सुप्रसिद्ध रंकिनी मंदिर में सन्नाटा पसरा रहा। मंदिर तो खुले मिले, लेकिन भक्त नदारद थे। ऐसा ही नजारा क्षेत्र के सभी मंदिरों में देखने को मिला।  इस बाबत जादूगोड़ा रकिनी मंदिर के पुजारी अनिल सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन से पूर्व मंदिर में जहां डेढ़ सौ से ढाई सौ भक्तजन आते थे वही अब भूले - भटके 10 लोग ही आ रहे हैं एवं मां रंकिनी का दर्शन कर वापस लौट जाते हैं। मंदिर की कमाई पूरी तरह ठप पड़ गई है। आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।

मन्नतें होती पूरी

मान्यता है कि मां रंकिनी के दरबार से कोइ खाली हाथ नहीं लौटता। मां रंकिनी सबों की मुरादद पूरी करती है। यही कारण है कि यहां झारखंड के अलावा पडोसी राज्य आेडिशा एवं पश्चिम बंगाल से भी लोग आते हैं। मंदिर में भक्तों की आवाजाही की वजह से स्थानीय बेरोजगारों को राेजगार भी मुहैया होता है। कइ खाने-पीने की दुकानों के साथ पूजन सामग्री की दुकानें स्थानीय लोग संचालित करते हैं। लाॅकडाउन में भक्तों की आवाजाही बंद होने से दुकानदारी भी बंद है। दुकानदार भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि मां रंकिनी जल्द कोरोना की काली साया से देश एवं राज्य को उबारें ताकि हालात सामान्य हो।


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