साहित्यकार-आलोचक खगेंद्र ठाकुर का निधन, जमशेदपुर में शोक Jamshedpur News
देश के प्रसिद्ध साहित्यकार समीक्षक व आलोचक खगेंद्र ठाकुर का निधन सोमवार को हो गया। इस खबर से जमशेदपुर में भी शोक की लहर फैल गई है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। देश के प्रसिद्ध साहित्यकार, समीक्षक व आलोचक खगेंद्र ठाकुर का निधन सोमवार को हो गया। इस खबर से जमशेदपुर में भी शोक की लहर फैल गई है। प्रगतिशील लेखक संघ के अगुवा होने के नाते ठाकुर यहां अक्सर आते थे। इधर करीब दो वर्ष से उनका आना-जाना कम हो गया था। उनके निधन पर शहर के साहित्यकार-कथाकार जयनंदन, शशि कुमार, विजय शर्मा, आशुतोष कुमार आदि ने संवेदना व्यक्त की है। स्व. ठाकुर के प्रशंसक प्रलेस के अलावा अन्य संगठनों व विचारधारा से जुड़े साहित्यकार भी हैं।
83 वर्षीय खगेंद्र ठाकुर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पटना एम्स में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना परिवार के लोगों ने दी। खगेंद्र ठाकुर के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। डॉ. खगेंद्र ठाकुर एक साहित्य व आलोचना के लिए प्रख्यात थे। उन्होंने उपन्यास, कविता जो भी लिखा, उस पर विचार किया। वे साहित्य को जीते थे।
झारखंड के गोड़डा में हुआ था जन्म
डॉ खगेंद्र ठाकुर का जन्म झारखंड के गोड़डा में 9 सितंबर 1937 में हुआ था। इनके पिता का नाम शिवशंकर ठाकुर और माता का नाम अकोला देची था। खगेंद्र ठाकुर शुरुआत से ही वामपंथी धारा की राजनीति से जुड़े रहे। 1973 से 1994 तक बिहार प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के महासचिव रहे। 1994 से 1999 तक प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेवारी में रहे।
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