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नक्सलियों के गढ़ में लखपति बन रहे किसान

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 2020 तक पूर्वी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित प्रखंड धालभूमगढ़ और

By Edited By: Published: Sat, 21 May 2016 03:03 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 03:03 AM (IST)
नक्सलियों के गढ़ में लखपति बन रहे किसान

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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2020 तक पूर्वी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित प्रखंड धालभूमगढ़ और गुड़ाबांधा कायाकल्प हो सकता है। इन दोनों प्रखंडों के 9000 परिवारों को टाटा ट्रस्ट ने लखपति बनाने और इन गांवों को स्मार्ट बनाने का बीड़ा उठाया है। टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था सीआइएनआइ(दी सेंट्रल इंडिया इनिशियेटिव्स) ने ग्रामीण परिवारों के विकास के लिए 'लखपति किसान स्मार्ट गांव अभियान 2020' शुरू किया है। इस अभियान के तहत धालभूमगढ़ प्रखंड के 6000 और गुड़ाबांधा प्रखंड के 3000 घरों को टारगेट किया गया है। यहां ग्राम संगठन फेडरेशन बनाकर स्वयं सहायता समूहों को न सिर्फ शक्तिशाली बनाया जा रहा है बल्कि इनके माध्यम से कृषि व पशु पालन के माध्यम से परिवारों की आजीविका को एक लाख तक करने की योजना है। साल भर पहले शुरू किए गए इस मिशन के तहत सीआइएनआइ ने दोनों प्रखंड मिलाकर 116 लखपति किसान तैयार किए हैं। साथ ही 536 एसएचजी गु्रप भी बनाए हैं। धालभूमगढ़ में सीआइएनआइ के इस अभियान को आरडीए और गुड़ाबांधा में टीएसआरडीएस संचालित कर रही है। अभियान को एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित होटल में समारोह का आयोजन कर मिशन से जुड़े लोगों के बीच उपलब्धियों को साझा किया गया। कार्यक्रम में सीआइएनआइ के शीर्षेदु पाल ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अभियान की सफलता को दर्शाया। साथ ही अगले साल के कार्यक्रमों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में संस्था के सूरज मुर्मू, आशियानी माड़की, आरडीए के सुजय भट्टाचार्य, कांचन कर, नंदिनी बसु, टीएसआरडीएस के नंदलाल बक्शी, नियाज अहमद, धालभूमगढ़ प्रखंड के प्रमुख जतीन्द्रनाथ सिंह, उप प्रमुख सपन महतो, जिला पार्षद बेलवती मुर्मू आदि ने शिरकत की।

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केस स्टडी 1 - धालभूम प्रखंड की महिला किसान रूपाली मांडी लखपति बन गई है। रुपाली खरीफ धान से 10 हजार 164, खरीफ सब्जी से टमाटर, बैंगल, मिर्च, धनिया की खेती से 70 हजार, रबी सरसों से छह हजार, रबी सब्जी से 28480 रुपए एक साल में कमाने लगी है।

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केस स्टडी - 2 - गुड़ाबांधा की महिला किसान मालती मुर्मू ने खरीफ धान से 24400, खरीफ खेती टमाटर, धनिया व अरहर से 32315 रुपए, ग्रीष्मकाल में खेती से 11455 रुपए, बकरी पालन से 14100 और पोलट्री से 4060 रुपए मिलाकर कुल एक लाख तीन हजार 230 रुपए की आमदनी की है।

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हम लोगों का पूरा फोकस महिला किसानों पर है। दोनों प्रखंडों से 116 महिला किसानों की खेती और पशुपालन के जरिए औसत आय एक लाख करने में सफलता मिली है।

-सूरज मुर्मू, सदस्य, सीआइएनआइ, रांची।

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खेतीबाड़ी के लिए महिला समूहों को ऋण दिलाने में सरकार भी पूरा सहयोग करेगी। बैंकों को निर्देश दिया जाएगा कि कम ब्याज दर पर महिला किसानों को ऋण मुहैया कराए।

-तनमय कुमार, लीडिंग डिस्ट्रिक्ट मैनेजर।


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