श्रम विभाग को पता नहीं ब्लॉक क्लोजर का क्या है प्रावधान Jamshedpur News
श्रम विभाग को पता नहीं ब्लॉक क्लोजर का क्या है प्रावधान। कंपनियां अपनी मर्जी से ले सकतीं हैं ब्लॉक क्लोजर। जमशेदपुर में ब्लॉक क्लोजर का सिलसिला चल रहा है।
जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। श्रम विभाग के पास ब्लॉक क्लोज से संबंधित कोई कायदा-कानून नहीं है। हां, यह अलग बात है कि कंपनियां ब्लॉक क्लोजर की तिथि की जानकारी श्रम विभाग को दे देतीं हैं। आर्थिक मंदी के कारण कई सेक्टर में स्लो डाउन है। कई कंपनियां घाटे से बचने के लिए अपने प्लांट में ब्लॉक क्लोजर ले रही हैं।
ऐसे में दैनिक जागरण श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग जमशेदपुर से सूचना के अधिकार के तहत यह जानने का प्रयास किया कि आखिर ब्लॉक क्लोजर का सरकारी प्रावधान क्या है? केंद्र व राज्य सरकार के किन नियमों के तहत कोई कंपनी ब्लॉक क्लोजर लेती है? कंपनी कितने दिनों के लिए अपने प्लांट को बंद कर सकती है? एक कैलेंडर या वित्तीय वर्ष में वह न्यूनतम व अधिकतम कितने दिनों के लिए ब्लॉक क्लोजर ले सकती है? ब्लॉक क्लोजर की अवधि में कर्मचारियों के घर परिवार कैसे चलेगा? उन्हें छुट्टी के बदले कब तक आधे दिन का वेतन मिलेगा?
चौंकानेवाला जवाब
इन सभी जवाबों पर श्रम विभाग का जवाब चौंकाने वाला है। सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में श्रम विभाग के अधिकारों ने बताया है कि श्रम कानून में ब्लॉक क्लोजर से संबंधित कोई नियम ही नहीं है। जब विभाग से यह पूछा गया कि क्या ब्लॉक क्लोजर के लिए कोई त्रिपक्षीय (श्रम विभाग, कंपनी प्रबंधन और कंपनी की मान्यता प्राप्त यूनियन) समझौता हुआ है? इस पर श्रम विभाग ने जानकारी दी है कि इस तरह के कोई भी दस्तावेज उनके कार्यालय के रिकार्ड में ही नहीं है। जब विभाग से पूछा गया कि अब तक जमशेदपुर में संचालित कितनी कंपनियों ने अपने ब्लॉक क्लोजर की अवधि में संशोधन कर उसे बढ़ाया? इसका जवाब भी श्रम विभाग के पास नहीं है। यानी कंपनियां अपनी मर्जी से ब्लॉक क्लोजर ले सकती हैं।
हर क्लोजर पर श्रम विभाग को दी जाती है जानकारी
श्रम विभाग के एक अधिकारी ने मौखिक रूप से सिर्फ इतना बताया कि हर क्लोजर के समय कंपनी प्रबंधन उन्हें लिखित जानकारी देता है कि कंपनी अमुक से अमुक तारीख के बीच बंद रहेगी। क्योंकि श्रम विभाग के कानून के तहत नो वर्क, नो पे का प्रावधान है।