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Jharkhand Politics: कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली करने की उठी मांग, भाषा कोड लागू कराने की कवायद

आगामी जनगणना में कुड़माली के स्थान पर पूर्ववत कुड़माली थार को ही रखा गया है जबकि कुड़माली को अन्य के तहत रखा जा रहा है जो भाषा राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में दर्ज है। आदिवासी कुड़मी समाज ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को ज्ञापन सौंपा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 05:55 PM (IST)
Jharkhand Politics: कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली करने की उठी मांग, भाषा कोड लागू कराने की कवायद
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय से मुलाकात करते समाज के प्रतिनिधि।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। आदिवासी कुड़मी समाज झारखंड की पूर्वी सिंहभूम जिला इकाइ की संयोजक मंडली ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को उनके बारीडीह स्थित कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। पत्र के माध्यम से विधायक सरयू राय से भारत की जनगणना में कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली को जनजातीय भाषा के तौर पर स्वतंत्र रुप से भाषा कोड लागू कराने की मांग की है। विधायक सरयू राय ने मामले की गंभीरता से लेते उसे भारत सरकार और झारखंड सरकार को पत्र लिखकर यथोचित समाधान का आश्वासन दिया। इस मौके पर आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से सरयू राय को कुड़माली संस्कृति का प्रतीक पीला गमछा ओढ़ाकर अभिवादन किया गया।

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जानकारी हो कि उक्त मांग को लेकर समाज विभिन्न माध्यमों से पिछले साल से ही राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक संघर्षरत है। पत्र के अनुसार आगामी जनगणना में कुड़माली के स्थान पर पूर्ववत कुड़माली थार को ही रखा गया है, जबकि कुड़माली को अन्य के तहत रखा जा रहा है जो भाषा राज्य के द्वितीय राजभाषा के रुप में दर्ज है। जिस भाषा का पठन- पाठन राज्य के पांच व पश्चिम बंगाल के एक समेत कुल छह विश्वविद्यालयों में होता है। इसे बेहद ही पक्षपातपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण बताया गया है। करीब दो करोड़ से भी अधिक कुड़माली भाषा-भाषी के लिए बेहद ही निराशाजनक एवं विडंबनापूर्ण बताया गया है। यह उन लाखों कुड़माली छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी एक खिलवाड़ है। राज्य और केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये से समाज में व्यापक रोष उत्पन्न हुआ है। अगर 20 से 25 दिनों के भीतर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

ये रहे प्रतिनिधमंडल में

सरयू राय से मिलने वालों में समाज के जिला संयोजक सुधांशु महतो, सदस्य प्रकाश महतो, असीत महतो, किरीटी महतो, नगर अध्यक्ष धीरेंद्रनाथ महतो, सदस्य हेमंत महतो, मनोहर महतो आदि शामिल थे।


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