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Jamshedpur News : कुड़मी आंदोलन को आदिवासी विरोधी नया ध्रुवीकरण बता रहे पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, कहा-क्षेत्रीय दल रच रहे साजिश

अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के लिए कुड़मी-कुरमी समाज ने 20 से 24 सितंबर तक बंगाल से गुजरने वाली हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग का रेल ट्रैक जाम कर दिया था। इसे मयूरभंज ओडिशा के पूर्व सांसद व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू आदिवासी विरोधी ध्रुवीकरण बताया है।

By Uttamnath PathakEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 02:21 PM (IST)
Jamshedpur News : कुड़मी आंदोलन को आदिवासी विरोधी नया ध्रुवीकरण बता रहे पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, कहा-क्षेत्रीय दल रच रहे साजिश
इस खबर को प्रदर्शित करने के लिए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू की फाइल फोटो।

जमशेदपुर, जासं। अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के लिए कुड़मी-कुरमी समाज ने 20 से 24 सितंबर तक बंगाल से गुजरने वाली हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग के अलावा आद्रा रेलवे मंडल में रेल ट्रैक जाम कर दिया था। इसे मयूरभंज ओडिशा के पूर्व सांसद व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू आदिवासी विरोधी ध्रुवीकरण बताया है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को कहीं न कहीं झारखंड, ओडिशा व बंगाल के क्षेत्रीय दल बढ़ावा दे रहे हैं। इसका ध्रुवीकरण का आदिवासी सेंगेल अभियान विरोध करती है।

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    उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय आदिवासी मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने दिल्ली से 24 सितंबर को वक्तव्य दिया है कि ओडिशा में बीजू जनता दल के सुप्रीमो (मुख्यमंत्री नवीन पटनायक) ने विगत विधानसभा चुनाव के दौरान मयूरभंज के जोशीपुर के पास रामतीर्थ में घोषणा की थी कि हम कुरमी-महतो (कुड़मी) जाति को एसटी का दर्जा दिलाएंगे। कुरमी भवन बनाने के लिए एक करोड़ रुपये का योगदान भी करेंगे। उस पर केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने पूछा है कि वह एक करोड़ रुपया कहां गया? कुरमी विरोधी वक्तव्य के लिए मंत्री विशेश्वर टुडू का बारीपदा में 23 सितंबर को पुतला दहन भी किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कुरमी रेल-रोड रोको के पीछे बीजेडी की तरफ इशारा किया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा व तृणमूल कांग्रेस भी कुड़मी का कर रही समर्थन

सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पार्टी खुलकर कुरमी-महतो को आदिवासी बनाने का पक्षधर रही है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आठ फरवरी 2018 को उनके सभी सांसद-विधायक ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा था। बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी भी कुरमी समर्थन के रास्ते पर अग्रसर है। उपरोक्त तथ्यों से प्रमाणित हो जाता है कि बीजेडी, जेएमएम और टीएमसी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां आदिवासी विरोधी हैं। वोट की लालच में असली आदिवासियों को बर्बाद करना चाहते हैं। यदि कुरमी और अन्य अनेक जातियों को केवल वोट बैंक की लालसा में एसटी का दर्जा दे दिया जाएगा तो असली आदिवासी (संताल, मुंडा, उरांव, हो, भूमिज, खड़िया, पहाड़िया, गोंड आदि) का जेनोसाइड या कत्ल निश्चित है।

30 को कोलकाता में होगी सार्वजनिक विरोध की घोषणा

सेंगेल जहां भाजपा के केंद्रीय आदिवासी मंत्री विश्वेश्वर टुडू के स्टैंड का समर्थन करता है, वहीं बीजेडी, जेएमएम और टीएमसी के आदिवासी विरोधी रवैया का बिरोध करता है। यदि ये तीनों पार्टियां अपना आदिवासी बिरोधी स्टैंड नहीं बदलती हैं तो पांच प्रदेशों में आदिवासी इनका खिलाफत करने को बाध्य होंगे। सेंगेल द्वारा आयोजित सरना धर्म कोड कोलकाता रैली में 30 सिंतबर को इनके सार्वजनिक विरोध की घोषणा की जाएगी। इस रैली में पांच प्रदेशों से लाखों आदिवासी शामिल होंगे।


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