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KU के छात्र भी स्नातक के बाद कर सकेंगे पीएचडी, पीजी की बाध्यता समाप्त Jamshedpur News

कोल्हान विश्वविद्यालय के छात्र भी स्नातक के बाद पीएचडी कर सकेंगे। पीएचडी के लिए स्नातकोत्तर उत्तीर्ण होने की बाध्यता समाप्त हो गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 11:37 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 11:37 AM (IST)
KU के छात्र भी स्नातक के बाद कर सकेंगे पीएचडी, पीजी की बाध्यता समाप्त Jamshedpur News
KU के छात्र भी स्नातक के बाद कर सकेंगे पीएचडी, पीजी की बाध्यता समाप्त Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) के छात्र अब स्नातक के बाद सीधे पीएचडी कर सकेंगे। ऐसा यूजीसी के नए पत्र के आलोक में हो पाएगा। यह पत्र कोल्हान विश्वविद्यालय को प्राप्त हो गया है।

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) देश के सभी विश्वविद्यालय में संचालित स्नातक पाठ्यक्रमों की अवधि तीन से बढ़ाकर चाल साल किए जाने पर विचार कर रहा है। इस चार साल की अवधि के पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थी सीधे पीएचडी कर सकेंगे। इसके लिए स्नातकोत्तर होना अनिवार्य नहीं रहेगा।

यूजीसी ने गठित की है विशेषज्ञ समिति

विश्वविद्यालयों में वर्तमान में स्नातक पाठ्यक्रम तीन साल का और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम दो साल का होता है। इसके बाद ही किसी विद्यार्थी को पीएचडी में प्रवेश मिलता था। ऐसे में यूजीसी देश की शिक्षा नीति में बड़े स्तर पर फेरबदल करने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। इसी कमेटी ने शिक्षा नीति में बदलाव के लिए यूजीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कई सिफारिशें की गई हैं। स्नातक पाठ्यक्रम के चौथे साल में शोध को केंद्र में रखा जा सकता है।

तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम चलाने की मिलेगी छूट

वहीं, इस दौरान विश्वविद्यालयों को तीन वर्षीय परंपरागत स्नातक पाठ्यक्रम चलाने की छूट भी मिलेगी। इसके अलावा अगर कोई विद्यार्थी चार साल का स्नातक पाठ्यक्रम करने के बाद पीएचडी के बजाय स्नातकोत्तर करना चाहता है तो उसे ऐसा करने की छूट मिलेगी। वर्तमान में तकनीकी शिक्षा के बैचलर ऑफ टेक्नॉलॉजी (बीटेक) या बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम हैं। उनके बाद विद्यार्थी सीधे पीएचडी में प्रवेश ले सकते हैं।

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में होगा फैसला

चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर यूजीसी का मेल प्राप्त हुआ है। इस मेल के आलोक में पहले एकेडमिक काउंसिल की बैठक होगी। इसके बाद ही इस पर कोई निर्णय होगा।

- डॉ. एके झा, प्रॉक्टर, कोल्हान विश्वविद्यालय।  


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