50 हजार रुपये हो सकता है घंटी आधारित शिक्षकों का मानदेय, केयू ने भेजी रिपोर्ट Jamshedpur News
कोल्हान विश्वविद्यालय समेत झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों को निश्चित मानदेय मिल सकता है।
जमशेदपुर (जासं) । कोल्हान विश्वविद्यालय समेत झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों को निश्चित मानदेय मिल सकता है। यह मानदेय 45 से 50 हजार रूपये के बीच हो सकता है। इस संबंध में पिछले वर्ष यूजीसी ने गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि घंटी आधारित शिक्षकों को 50 हजार रुपया मानदेय मिलना चाहिए। झारखंड में इसे अधिकत्तम 36 हजार रुपया किया गया। पिछले दिनों कुलपतियों के साथ हुई बैठक में उच्च शिक्षा के प्रधान सचिव को यह निर्देश दिया था कि कॉलेजों के घंटी आधारित शिक्षकों को एक निश्चित मानेदय मिलना चाहिए। वर्तमान में झारखंड के विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में पठन-पाठन सुचारू रूप से चलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने घंटी आधारित शिक्षकों को मानदेय बढ़ाने के लिए सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को एक प्रपत्र भेजा था। इसमें घंटी आधारित शिक्षकों का विवरण मांगा गया था। कोल्हान विश्वविद्यालय ने इस संबंध में प्रतिवेदन उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भेज दिया है। इस प्रतिवेदन में बताया गया है कि कोल्हान विश्वविद्यालय में कुल 216 घंटी आधारित शिक्षक कार्यरत हैं। उन्हें न्यूनतम 20 हजार व अधिकत्तम 36 हजार रुपया मानदेय दिया जा रहा है। ऐसे कुल 60 शिक्षक हैं, जिन्हें 36 हजार रुपया मानेदय प्राप्त हो रहा है।
हेमंत भैया हमें निश्चित मानदेय दिलवा दो
इधर, राखी के पवित्र अवसर पर संविदा पर कार्यरत घंटी आधारित महिला प्रोफेसरों ने सीएम से मांग की है कि हेमंत भैया उन्हें समान कार्य का समान वेतन और निश्चित वेतन प्रतिमाह देने की दिशा में शीघ्र निर्णय ले। भावुक संदेश में लिखा है कि हम सब सहायक प्राध्यापक बहनें घंटी आधारित (संविदा) पर कार्यरत हैं और राखी के अवसर पर आपसे अपना हक मांग रहे हैं। हमें समान कार्य का समान वेतन देने का अपना वादा आप निभा दीजिए। राखी पर सभी बहनों की यह मांग है ताकि संविदा सहायक प्राध्यापक के तौर पर हम सम्मान से कार्य कर सकें। राखी पर हेमंत को लिखे पत्र में बताया कि सीएम बनते ही हम सब बहनों को एक उम्मीद की किरण दिखी कि अब सुशिक्षित प्राध्यापक के तौर पर हमारी जिंदगी सुधरेगी, लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में हम सब की स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है। अब आप ही हमें न्याय दो भैया ताकि इसे राखी का उपहार मानकर सदा याद रखूं और दुआ देती रहूं। कोल्हान विश्वविद्यालय से यह पत्र चंद्राणी सरकार ने लिखा है।