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कोरोना संक्रमण के कारण सादगी से मना केयू का 11वां स्थापना दिवस, चार शिक्षकोंं को किया गया सम्मानित Jamshedpur News

कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कोल्हान विशवविद्यालय (केयू) का 11वां स्थापना दिवस कोरोना संक्रमण के कारण पहली बार सादगी पूर्वक मनाया गया।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 09:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 01:55 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के कारण सादगी से मना केयू का 11वां स्थापना दिवस, चार शिक्षकोंं को किया गया सम्मानित Jamshedpur News
कोरोना संक्रमण के कारण सादगी से मना केयू का 11वां स्थापना दिवस, चार शिक्षकोंं को किया गया सम्मानित Jamshedpur News

जमशेदपुर/चाईबासा (जेएनएन) । कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कोल्हान विशवविद्यालय (केयू) का 11वां स्थापना दिवस कोरोना संक्रमण के कारण पहली बार सादगी पूर्वक मनाया गया। यह पहला मौका था जब कोई बड़ा मंच नहीं था। न ही आमंत्रित सदस्यों की बड़ी संख्या थी। केयू प्रशासन ने इस स्थापना दिवस समारोह को ऑनलाइन आयोजित किया। इस कार्यक्रम में 20 से कम लोग शामिल हुए। वहीं मात्र चार सेवानिवृत शिक्षकों को आमंत्रित कर विवि के सीनेट हॉल में सम्मानित किया गया।

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मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद कुलपति प्रोफेसर डॉ. गंगाधर पंडा ने शॉल ओढ़ाकर शिक्षकों को सम्मानित किया। मात्र दो घंटे में कार्यक्रम का समापन किया गया। सभी छात्र प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि तथा शिक्षकों को ऑनलाइन आमंत्रित किया गया। इस कारण समारोह में विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक समेत विद्यार्थी गूगल मीट के जरिए समारोह में शामिल हुए। समारोह का शुभारंभ कुलगीत गाकर किया गया। समारोह में चार सेवानिवृत शिक्षक डॉ. एसपी मंडल, डॉ. व्यास ङ्क्षसह, डॉ. डीआर कुईली एवं ललन कुमार को सम्मानित किया गया। मौके पर प्रतिकुलपति डॉ. अरुण सिन्हा, कुलसचिव डॉ. एसएन ङ्क्षसह समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। 

उपलब्धियां तो हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं : कुलपति

कोल्हान विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पंडा ने कहा कि कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बीच ऑनलाइन कार्यक्रम करना पड़ा। ग्यारह साल में कोल्हान विशवविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन आज भी कई चुनौतियों से घिरी है। पहले विवि के मात्र 16 अंगीभूत कॉलेज थे, जो बढ़कर अब 20 हो गये हैं। ऐसे में विवि का दायित्व भी बढ़ा है।

 अब तक की उपलब्धियों की बात करें तो इसमें ऑनलाइन नामांकन, शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली, नये कॉलेज भवन का निर्माण, प्रत्येक विधानसभा में डिग्री कॉलेज, महिला मॉडल कालेज की स्थापना, विभिन्न खेलों का निर्धारित समय पर पूरा करना इत्यादि शामिल हैं। विवि के पास चुनौतियां भी कई है। अधिकतर कॉलेजों में पीजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के वर्षाें से में रिक्त पड़े पद हैं। जिन्हें अब तक पूरा नही किया जा सका है। साथ ही शिक्षकेतर कर्मचारियों की भी भारी कमी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी जल्द दूर होगी। इसके लिए कोल्हान विश्वविद्यालय प्राथमिकता के साथ निरंतर उन्हें दूर करने का प्रयास कर रहा है।


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