यहां है जमशेदपुर का सबसे पुराना लेटर बॉक्स, 1940 में लगाया गया था
लेटर बॉक्स की पूछ भले ही कम हो गई हो लेकिन इनका वजूद कायम है। झारखंड के जमशेदपुर शहर में एक सबसे पुराना लेटर बॉक्स इस बात की गवाही दे रहा है।
जमशेदपुर [निर्मल कुमार]। इंटरनेट के जमाने में डाक पत्रों और लेटर बाक्स की पूछ भले ही कम हो गई हो, लेकिन इनका वजूद अब भी कायम है। झारखंड के जमशेदपुर शहर में भी एक सबसे पुराना लेटर बॉक्स इस बात की गवाही दे रहा है। 1940 में शहर में तीन लेटर बॉक्स लगाए गए थे। एक बिष्टुपुर मुख्य डाकघर के पास, दूसरा टाटा स्टील जनरल ऑफिस गेट के पास और तीसरा कमानी सेंटर के पास। ये तीनों अब भी मौजूद हैं।
तेजी से बदलती इस दुनिया में अब खत और मनी आर्डर की जगह व्हाट्सएप, स्नैप चैट और इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर ने भले ही ले लिया है। लेकिन इस लेटर बॉक्स की महत्ता कम नहीं हुई है। समय के साथ तीन में दो लेटर बॉक्स के स्थान बदल गए लेकिन कमानी सेंटर के सामने वाला लेटर बॉक्स अब भी शान से खड़ा है। पोस्टमैन चंडीचरण साधु बताते हैं कि पहले ओडिशा का संबलपुर मुख्य डाकघर और चाईबासा उपडाक घर ही हुआ करता था। जमशेदपुर में शाखा कार्यालय था, लेकिन अब यह मुख्य शाखा बन गयी है।
13 लेटरबॉक्स से हर दिन मिलते आठ हजार पत्र
पुराने दौर में अपनी बात पहुंचाने के लिए पत्र, पोस्टकार्ड और तार ही साधन थे। तब ये लेटर बॉक्स शहरवासियों के खूब काम आए। समय के साथ भले ही लेटर बॉक्स का स्वरूप बदल गया, लेकिन उपयोगिता आज भी बनी हुई है। शहर में पहले 15 लेटर बॉक्स संचालित थे। जहां हर दिन लगभग 60 हजार स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, फस्र्ट क्लास मेल, पोस्टकार्ड, अंर्तदेशी प्राप्त होते थे। अब 13 लेटर बॉक्स से हर दिन लगभग आठ हजार पत्र प्राप्त होते हैं। इन लेटर बॉक्स को संचालित करने के लिए 29 पोस्टमैन शहर में हैं, जो दिन में तीन बार इन्हें खोलते हैं।
यहां पर मौजूद हैं मुख्य डाकघर के लेटर बॉक्स
बिष्टुपुर तिवारी बेचर के पास, बिष्टुपुर गुरुद्वारा बस्ती, बिष्टुपुर कांति लाल गांधी अस्पताल के पास, वीमेंस कॉलेज के पास, टिस्को जनरल ऑफिस के पास, धातकीडीह, चमरिया गेस्ट हाउस के पास, सर्किट हाउस, टेलीफोन एक्सचेज के पास, जुस्को कार्यालय, टिस्को गेट, राजेंद्र विद्यालय व न्यू बाराद्वारी के पास।