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तारापोर स्कूल की वाइस प्रिसिपल इशिता को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

एग्रिको स्थित तारापोर स्कूल एग्रिको की वाइस प्रिसिपल इशिता दे को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कोरोना संक्रमण के कारण इशिता को उपायुक्त कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 01:11 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 06:18 AM (IST)
तारापोर स्कूल की वाइस प्रिसिपल इशिता को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
तारापोर स्कूल की वाइस प्रिसिपल इशिता को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

जासं, जमशेदपुर : एग्रिको स्थित तारापोर स्कूल एग्रिको की वाइस प्रिसिपल इशिता दे को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कोरोना संक्रमण के कारण इशिता को उपायुक्त कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नई दिल्ली से राष्ट्रपति रामनाथ कोविद भी जुड़े थे। उनके संबोधन के बाद इशिता को यह पुरस्कार पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी परमेश्वर भगत ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एसडी तिग्गा, जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार की उपस्थिति में प्रदान किया।

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इस दौरान प्रत्येक शिक्षकों पर 30 सेकेंड की लघु फिल्म दिखाई जा रही थी। इसके बाद शिक्षकों का नाम पुकारा जा रहा था। नाम पुकारने के बाद राष्ट्रपति एवं शिक्षा मंत्री का हाथ जोड़कर अभिभावदन कर रहे थे। टेल्को घड़ी पार्क की रहने वाली तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता ने भी ऐसा किया। इशिता को मेडल व प्रमाण पत्र जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा प्रदान किया गया।

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अफसोस रहा कि राष्ट्रपति के हाथ से नहीं मिला पुरस्कार

जासं, जमशेदपुर : राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने के बाद तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता दे ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति के हाथ से पुरस्कार न मिलने तथा दिल्ली न जा पाने का अफसोस रहा, लेकिन कोरोना काल में और कोई भी उपाय नहीं था। शिक्षिका ने कहा कि आज अलग दिन था, बेहद खुशी है। अपने कार्यक्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिलने से जीवन की सबसे प्रमुख आस पूरी हुई।

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कक्षा आठ में मिला छात्र जीवन का पहला पुरस्कार

तारापोर स्कूल की शिक्षिका इशिता दे को शिक्षक का सर्वोच्च सम्मान तो 5 सितंबर को प्राप्त हुआ, लेकिन उन्हें पहला पुरस्कार छात्र जीवन में मिला था। जब वह राजेंद्र विद्यालय साकची में पढ़ती थी तो कक्षा आठ में तीसरा स्थान प्राप्त की थी, इस दौरान उन्हें तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था।

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इन कार्यों के कारण मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

1. दूसरे विषय की शिक्षिका होते हुए भी गणित को सरल तरीके से समझाने के लिए नए तरीके को अपनाया।

2. पोटका के टंगराईन स्कूल तथा मुसाबनी के दो अन्य स्कूल को गोद लेकर सप्ताह में तीन दिन जाकर वहां के बच्चों को पढ़ाती हैं।

3. नई शिक्षा नीति के अनुरूप दो वर्ष पूर्व ही स्कूल का लेशन प्लान तैयार किया तथा स्कूल में पिछले दो साल से नई शिक्षा नीति के अनुसार ही पढ़ाई हो रही है।

-- प्रोफाइल

नाम : इशिता डे

स्कूली शिक्षा : राजेंद्र विद्यालय साकची

ग्रेजुएशन : उत्कल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर

शिक्षा- एमए इन इकोनॉमिक्स मदुरई यूनिवर्सिटी

कार्य अनुभनव- 1997-99 (एमएनपीएस स्कूल में शिक्षण)

2005 अब तक (तारापोर स्कूल में शिक्षण)

2011 के बाद से बतौर वाइस प्रिसिपल कार्यरत

पति- पार्थो डे (टाटा कमिस में फायनेंस विभाग में अधिकारी)

बेटा- संकेत डे( ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा)

पुरस्कार : टाटा स्टील द्वारा डॉ जेजे ईरानी अवार्ड, आइसीएससी द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का पुरस्कार

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-यह मेरे विद्यालय के लिए गौरव की बात है। इस शिक्षिका ने अपने प्रयास से स्कूल को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। विद्यालय प्रबंधन देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के पुरस्कार से गदगद है।

- एमी एच बिलिमोरिया, प्रिसिपल, तारापोर स्कूल एग्रिको


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