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Kitchen Hacks : दाल को पकाने से पहले पानी से ऐसे भिंगोए, दोगुणा हो जाएगा पोषक तत्व

Kitchen Hacks हमारे शरीर के लिए दाल सबसे बड़ा प्रोटीन का स्त्रोत होता है। लेकिन सही तरीके से नहीं पकाने के कारण यह नुकसान भी करने लगता है। पेट में गैस बनने लगता है। आज आपको में यही बताने जा रहे हैं कि दाल कैसे पकाएं...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 10:45 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:45 AM (IST)
Kitchen Hacks : दाल को पकाने से पहले पानी से ऐसे भिंगोए, दोगुणा हो जाएगा पोषक तत्व
दाल को पकाने से पहले पानी से ऐसे भिंगोए, दोगुणा हो जाएगा पोषक तत्व

जमशेदपुर : शाकाहारियों के लिए दाल प्रोटीन का बहुत बड़ा स्रोत है। प्रोटीन शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण माइक्रोन्यूट्रिएंट्स है, जो शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करने के साथ ही मांस पेशियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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बाल व नाखूनों के लिए भी जरूरी है प्रोटीन

प्रोटीन बाल और नाखूनों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, जिसे हम विभिन्न प्रकार की दालों से प्राप्त कर सकते हैं। मगर दालों से प्रोटीन प्राप्त करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि दाल को सही तरीके से पका रहे हैं या नहीं। आयुर्वेद के अनुसार किसी भी दाल को पकाने से पहले से उसे पानी में भिंगोना बहुत जरुरी होता है, हालांकि इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी हैं।

दाल को पकाने से पहले पानी में भिगाना क्यों जरूरी है

आयुर्वेदाचार्य हरिओम गुलाटी के अनुसार, दाल को पकाने से पहले उन्हें भिगोना जरूरी होता है क्योंकि इससे ना सिर्फ हमारा पाचन सही रहता है बल्कि पोषक तत्वों का अवशोषण भी अच्छी तरीके से होता है। अगर हम दाल में मौजूद पोषक तत्वों का लाभ चाहते हैं तो उन्हें पकाने से पहले पानी में जरुर भिंगोकर रखें।

दाल को पानी में भिंगाने के फायदे

दाल को पकाने से पहले पानी में भिंगोने से इससे मौजूद फाइटिक एसिड और टैनिन निकल जाता है। यह दोनों में हानिकारक तत्व है जो शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है, और सूजन का कारण बनता है।

यही कारण है कि अधिकांश लोग जब राजमा, दाले, छोले आदि चीजों का सेवन करने पर पेट फूल जाता है और कई बार गैस की समस्या भी हो जाती है। दाल को भिंगोने से उसे पकाने से कम समय लगता है और यह झटपट तैयार हो जाता है, साथ ही हमारे कुकिंग गैस की भी बचत होती है।

जानें कौन सी दाल को कितनी देर पानी में है भिगोना

  • साबुत दाले- मूंग, तुवर, मसूर और उड़द: आठ से 12 घंटे
  • स्प्लिट दालें जिनकी फलियां अलग हो जाती है: छह से आठ घंटे
  • सूख फलियां: राजमा, चना-छोले 12 से 18 घंटे

दालों को भिंगाने का तरीका

दालों को भिगाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम इसे रात भर के लिए पानी में रख दें। यह पूरी तरह से सोक्ड हो जाएगा और इमें इंतजार भी करना नहीं पड़ेगा। इससे निकलने वाला पानी फेंके नहीं बल्कि अपने पौधों को गमलों में डाल दें, इससे हमारे पौधों को भी पोषण मिलेगा।


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